IPL 2024: खूब रोए धोनी, टीम के साथ डिनर करते वक्त हुए थे गमगीन; 'थाला' के दिल के बहुत करीब है CSK
IPL 2024: धोनी भी आखिरकार एक इंसान हैं. वो चेन्नई सुपर किंग्स को एक परिवार मानते हैं, इसलिए जब IPL में CSK की वापसी हुई थी तब एमएस धोनी रोने लगे थे.
IPL 2024: महेंद्र सिंह धोनी आमतौर पर मैदान में बहुत कूल दिखते हैं, लेकिन वो भी एक इंसान हैं. कभी-कभी भावनाएं उनपर भी हावी हो जाती हैं. यहां हम बात कर रहे हैं, उस घटना की जब 2 साल का बैन झेलने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स फ्रैंचाइज़ी ने 2018 में इंडियन प्रीमियर लीग में वापसी की थी. CSK पर बैन इसलिए लगाया गया था क्योंकि फ्रैंचाइज़ी के बड़े अधिकारियों को मैच फिक्सिंग का दोषी पाया गया. खैर जब 2018 में CSK की वापसी हुई तो उस दौर को याद करते हुए हरभजन सिंह बताते हैं कि एमएस धोनी रोने लगे थे.
रोने लगे थे एमएस धोनी
काफी समय पहले एक मैच की कमेंट्री करते हुए हरभजन सिंह ने खुलासा किया था कि जब 2 साल का बैन झेलने के बाद CSK की आईपीएल में वापसी हुई तब टीम ने एकसाथ डिनर किया था. हरभजन का कहना था कि उन्होंने कहावत सुनी थी कि पुरुष आसनी से रोते नहीं हैं, मगर धोनी उस दिन खूब रोये थे. धोनी बहुत भावुक हो गए थे. हरभजन के साथ उस कमेंट्री पेनल पर इमरान ताहिर भी मौजूद थे. ताहिर 2018 में चेन्नई के लिए खेले थे. ताहिर ने बताया कि वो भी उस डिनर में मौजूद थे और उन्होंने धोनी को रोते हुए देखा था. ताहिर को उस दिन एहसास हुआ कि CSK धोनी के दिल के कितने करीब है. धोनी चेन्नई सुपर किंग्स की टीम को अपने परिवार के रूप में देखते हैं.
क्यों लगा था CSK पर बैन?
जुलाई 2015 में IPL की चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर 2 साल का बैन लगाया गया था. CSK के चेयरमैन एन श्रीनिवासन के दामाद, गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक रहे राज कुंद्रा पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे. सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच समिति बैठाई थी, जिसने इस मामले में मयप्पन के साथ राज कुंद्रा को भी दोषी करार दिया गया. इसी कारण दोनों की IPL टीमों पर 2 साल का बैन लगाया गया था.
2018 में वापसी कर चैंपियन बनी थी CSK
2018 में चेन्नई सुपर किंग्स की IPL में दोबारा एंट्री धमाकेदार रही थी. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में CSK ने IPL 2018 में ना केवल प्वाइंट्स टेबल को टॉप किया, बल्कि फाइनल में सनराइजर्स हैदराबाद को हराकर ट्रॉफी जीतने में भी सफलता पाई थी. ये इंडियन प्रीमियर लीग में तीसरा मौका था जब चेन्नई ने ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था.
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