IPL में शुक्रवार रात को खेला गया दिल्ली कैपिटल्स बनाम राजस्थान रॉयल्स का मुकाबला रोमांच और ड्रामे से भरपूर रहा. चौकों-छक्कों की बारिश, हर गेंद के साथ मैच के बदलते समीकरण और फिर आखिरी ओवर के ड्रामे ने इस मैच को नतीजा आने के बाद भी दिलचस्प बनाए रखा. मैच खत्म होने के काफी देर बाद तक दोनों टीमों के खिलाड़ी, स्टाफ और अंपायर मैदान पर एक विवादित गेंद को लेकर बहस करते नजर आए. यह पूरा ड्रामा क्या था और मैच कहां से सबसे ज्यादा रोचक हुआ? यह पूरी कहानी विस्तार से समझें..
इस मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स ने टॉस जीतकर राजस्थान को पहले बैटिंग के लिए बुलाया. दिल्ली का यह फैसला गलत साबित हुआ और राजस्थान की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 15 ओवर में 155 रन की साझेदारी कर डाली. राजस्थान ने बटलर (116), देवदत्त पडिक्कल (54) और कप्तान संजू सैमसन (46) की दमदार पारियों की बदौलत 222 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया. जवाब में दिल्ली की टीम नियमित अंतराल में विकेट खोने के बावजूद पूरे वक्त मुकाबले में बनी रही. नतीजा यह हुआ कि आखिरी दो ओवर में दिल्ली को जीत के लिए 36 रन बनाने थे और उसके हाथ में चार विकेट बाकी थे. यहीं से मैच का रोमांच बढ़ने लगा.
जीत के नजदीक पहुंच गई थी दिल्ली और फिर...
दिल्ली को जीत के लिए 12 गेंद पर 36 रन की जरूरत थी. जिस तरह से दिल्ली के खिलाड़ी ललित यादव और रोवमेन पावेल बल्लेबाजी कर रहे थे, उसे देखकर लग रहा था कि मैच दिल्ली के खाते में चला जाएगा. लेकिन राजस्थान के तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा ने बाजी पलट दी. उन्होंने अपने ओवर की शुरुआती तीन गेंदें वाइड आउटसाइड ऑफ पर रखीं, जिसे ललित यादव छू तक नहीं पाए. तीसरी ही गेंद पर ललित आउट भी हो गए. इसके बाद क्रीज पर आए कुलदीप यादव भी प्रसिद्ध कृष्णा की गेंदों को समझ नहीं पाए और तीनों गेंद डॉट निकल गईं. इस तरह प्रसिद्ध कृष्णा ने यह ओवर मेडन फेंककर दिल्ली को जीत से दूर कर दिया.
आखिरी ओवर का रोमांच और विवादित बॉल
दिल्ली को आखिरी ओवर में जीत के लिए 6 गेंद पर 36 रन की दरकार थी. क्रीज पर रोवमेन पावेल खड़े थे और गेंदबाजी का जिम्मा ओबेद मैकॉय पर था. मैकॉय की शुरुआती तीन गेंदों पर रोवमेन ने गगनचुंबी तीन छक्के जड़कर दिल्ली के जीत की आस जगा दी थी. ऐसा लग रहा था मानो वह बाकी तीन गेंदों पर भी छक्के जड़कर दिल्ली को मैच जीता देंगे. लेकिन तभी एक गड़बड़ हो गई.
दरअसल जिस तीसरी गेंद पर पावेल ने मैकॉय को छक्का जड़ा था, वह गेंद फुलटॉस थी और कमर से ऊपर जाती नजर आ रही थी. इस पर डगआउट में बैठे दिल्ली कैपिटल्स के खिलाड़ियों और स्टाफ ने इसे नो बॉल दिए जाने की मांग की. अगर ऐसा होता तो दिल्ली को 4 गेंद पर 18 रन की जरूरत होती और दिल्ली जीत के और करीब पहुंच जाती. दिल्ली कैंप से गेंद को 'नो बॉल' दिए जाने की मांग उठी और अंपायर ने इसे खारिज कर दिया. मैदान पर इसे लेकर काफी देर तक खेल रूका रहा.
ऋषभ पंत ने इस गेंद को नो बॉल नहीं दिए जाने पर अपने बल्लेबाजों को मैदान से वापस बुलाने तक का इशारा कर दिया. इस दौरान डग आउट में दिल्ली के सहायक कोच शेन वॉटसन भी ऋषभ पंत को समझाते नजर आए लेकिन वह नहीं माने और उन्होंने टीम मैनेजमेंट के एक सदस्य को भी अंपायर से बातचीत करने के लिए मैदान पर भेज दिया. दिल्ली कैंप चाहता था कि इस पर थर्ड अंपायर फैसला ले लेकिन ऐसा हो न सका. गेंद को नो बॉल नहीं दिया गया और मैच चलता रहा. इस बीच बाउंड्री पर ऋषभ पंत और जोस बटलर के बीच कहासुनी भी हुई. दूसरी तरफ पिच पर कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के बीच भी बहस चलती रही.
इस घटनाक्रम के बाद रोवमेन की लय बिगड़ गई और आखिरी तीन गेंदों पर वह महज 2 रन बनाकर आउट हो गए. इसी के साथ दिल्ली ने यह मैच 15 रन से गंवा दिया. मैच खत्म होने के बाद भी दोनों टीमों के खिलाड़ी और स्टाफ इस विवादित गेंद को लेकर लंबे वक्त तक बहस करते रहे. मैच के बाद ऋषभ पंत ने अपनी हार का ठीकरा भी इसी विवादित गेंद पर फोड़ा.
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