Rovman Powell: बकरी चराते थे रोवमैन पॉवेल, मां घर-घर जाकर धोती थी कपड़े, ऐसे गुजरा था दिल्ली कैपिटल्स के इस खिलाड़ी का बचपन
IPL 2022: दिल्ली कैपिटल्स ने विंडीज खिलाड़ी रोवमैन पॉवेल को IPL मेगा ऑक्शन 2022 में 2.80 करोड़ में खरीदा था.
Rovman Powell's Struggle: वेस्टइंडीज के खिलाड़ी रोवमैन पॉवेल IPL 2022 में दिल्ली कैपिटल्स की स्क्वॉड का हिस्सा हैं. IPL के इस सीजन के शुरुआती मुकाबलों में तो उनका बल्ला खामोश रहा था लेकिन अब वह खूब रन बरसा रहे हैं. राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मुकाबले में जब आखिरी 6 गेंदों पर दिल्ली को जीत के लिए 36 रन की जरूरत थी तो इस खिलाड़ी ने शुरुआती तीन गेंदों पर तीन छक्के जड़कर मैच का रोमांच चरम पर ला दिया था. IPL में गुरुवार रात को हुए मुकाबले में भी रोवमैन ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 35 गेंद पर 67 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली. उनकी इस पारी की बदौलत दिल्ली ने 21 रन से जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की. लेकिन क्या आपको पता है कि इस विंडीज प्लेयर को क्रिकेट के इस मुकाम तक पहुंचने के लिए किस तरह के संघर्ष से गुजरना पड़ा? अगर नहीं पता तो यह लेख पढ़िए.. (नोट: इनपुट कैरेबियन प्रीमियर लीग की डॉक्यूमेंट्री से लिए गए हैं.)
रोवमैन पॉवेल की मां जोन प्लमर एक सिंगल मदर थीं. दरअसल, जब वह गर्भवती हुईं तो उनके पार्टनर ने उन्हें गर्भपात कराने की सलाह दी. जब प्लमर ने गर्भपात न कराने का फैसला लिया तो पार्टनर ने उनसे रिश्ता तोड़ दिया और इस तरह रोवमैन के माता-पिता अलग-अलग हो गए. रोवमैन के परवरिश की पूरी जिम्मेदारी अब उनकी मां पर थी. जॉन प्लमर बेहद गरीब थीं. जैसे-तैसे उनकी रोजी-रोटी का जुगाड़ होता था.
रोवमैन पॉवेल एक डॉक्यूमेंट्री में कहते नजर आते हैं, 'मेरी मां को परिभाषित करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है. मैं उन्हें लोगों के कपड़े धोते देखकर बड़ा हुआ हूं. ऐसा वह सिर्फ हमारे खाने और स्कूल जाने की व्यवस्था करने के लिए करती थीं.' पॉवेल बताते हैं, 'हमारा परिवार जर्जर टिन की छत वाले मकान में रहता था. दो कमरे थे, जिसमें से एक में खाना बनता था और दूसरे में हम सभी रहते थे. रात को बारिश होती थी तो पूरे कमरे में पानी टपकना शुरू हो जाता था. हम गद्दे को उस जगह रखते थे जहां पानी न टपके. गद्दे के आसपास पानी भरा जाता था.' डॉक्यूमेंट्री में यह भी सामने आता है कि पॉवेल बकरी चराने भी जाया करते थे. इससे उन्हें कुछ पैसे मिल जाया करते थे.
रोवमैन की मां जोन प्लमर बताती हैं, 'वह (रोवमैन) हमेशा से खुद को बड़ों की श्रेणी में रखता था. परिवार के मुखिया की तरह.' एक पुराना किस्सा सुनाते हुए वह कहती हैं, 'एक दिन वह स्कूल से अपने एक हाथ में बल्ला लेकर घर पहुंचा. मैंने उससे कहा कि आज उसके और उसकी बहन के लिए थोड़ा सा ही खाना है. तब वह बोलता है कि ममी चिंता मत करो. मैं क्रिकेट के जरिए आपको इस गरीबी से बाहर निकाल दूंगा.' जॉन प्लमर बताती हैं कि यह पल उनकी जिंदगी के खूबसूरत लम्हों में से एक था. वह कहती हैं, 'जब से उसने मुझसे यह बात कही थी, तब से मैंने उसकी प्रतिभा पर कभी शक नहीं किया. मैंने उसे अपना पूरा सपोर्ट दिया.'
रोवमैन के एक टीचर निकोलस ढिल्लों बताते हैं, 'एक बार की बात है, जब छठी कक्षा में मैंने रोवमैन को उनके पिता के लिए कुछ एक्टिविट करने का काम सौंपा. रोवमैन ने रोते हुए बताया कि 'सर मैं अपने पिता को नहीं जानता इसलिए मैं यह नहीं कर सकता' मैंने उससे कहा कि इसे अपने रास्ते की रूकावट न बनाओ. मैंने उससे वादा किया कि मैं उसके जीवन में पिता की कमी महसूस नहीं होने दूंगा.'
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