IPL 2024: इंडियन प्रीमियर लीग का 17वां सीजन घटिया अंपायरिंग के कारण आलोचकों के निशाने पर बना हुआ है. आईपीएल में खिलाड़ियों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं और जब प्रोडक्शन की बात आती है तो मैदान में 30-35 कैमरा फिट किए जाते हैं. इस सीजन की बात करें 8 हॉक-आई कैमरा भी लगाए गए थे, जिससे रिव्यू सिस्टम को बेहतर किया जा सके. इसके बावजूद पूरे सीजन के दौरान ग्राउंड अंपायर और यहां तक कि टीवी अंपायर ने भी कई बार घटिया फैसले लेकर फैंस का गुस्सा चरम पर पहुंचा दिया था. अब राजस्थान रॉयल्स बनाम दिल्ली कैपिटल्स मैच का एक ऐसा ही मुद्दा सामने आया है.
राजस्थान कर रही थी बड़े लक्ष्य का पीछा
बता दें कि बीते मंगलवार खेले गए इस मैच में दिल्ली कैपिटल्स ने पहले खेलते हुए 221 रन बनाए थे. दिल्ली की ओर से जेक फ्रेजर मैकगर्क ने 20 गेंद में 50 रन की तूफानी पारी खेली. वहीं अभिषेक पोरेल ने 36 गेंद में 65 रनों का योगदान दिया था. वहीं राजस्थान रॉयल्स की शुरुआत अच्छी नहीं रही, लेकिन संजू सैमसन अपनी पारी में शुरू से ही लाजवाब अंदाज में बैटिंग करते हुए दिखे. उन्होंने 28 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. सैमसन के क्रीज़ पर रहते राजस्थान की जीत तय लग रही थी. उनकी टीम को आखिरी 5 ओवरों में 63 रन की जरूरत थी, लेकिन इस बीच अंपायरों ने 2 बेहद शर्मनाक फैसले लिए, जिसके कारण राजस्थान को 20 रन से हार झेलनी पड़ी.
संजू सैमसन का विवादित कैच
15 ओवर समाप्त होने तक संजू सैमसन 43 गेंद में 85 रन ठोक चुके थे. 16वां ओवर मुकेश कुमार डालने आए, जिसकी चौथी गेंद उन्होंने 118 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से डाली थी. धीमी गति की इस गेंद पर सैमसन ने सामने की दिशा में शॉट मारा, लेकिन तभी बाउंड्री रेखा के पास आकर शाय होप ने जबरदस्त कैच पकड़ लिया. चूंकि होप गेंद की तरफ भागते हुए आए थे, इसलिए कैच पकड़ने के बाद वो अपने शरीर पर नियंत्रण नहीं रख पाए. उन्होंने 2-3 कदम आगे लिए. चूंकि होप बाउंड्री रेखा के बहुत करीब थे इसलिए फैसला टीवी अंपायर के हाथों में सौंप दिया गया. रिप्ले में दिखाया गया कि होप का बायां पैर बाउंड्री रेखा से दूर नजर आ रहा था, लेकिन दायें पैर को लेकर किसी भी कैमरा एंगल से कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा था. ऐसे में संदेह का फायदा बल्लेबाज को दिया जाना चाहिए था, फिर भी कोई स्पष्ट सबूत ना होने के बावजूद सैमसन को आउट करार दिया गया.
19वें ओवर में वाइड बनी विवाद का कारण
अंपायर्स के घटिया फैसले यहीं नहीं थमे. 19वां ओवर रसिख सलाम फेंक रहे थे और उनके ओवर की आखिरी गेंद पर वाइड को लेकर काफी विवाद हुआ. ओवर की आखिरी गेंद पर रोवमैन पावेल स्ट्राइकिंग एंड पर थे, वहीं सलाम ने ऑफ साइड के बाहर फुल लेंथ पर गेंद फेंकी. पहली नजर में देखने पर गेंद वाइड लग रही थी, लेकिन ग्राउंड अंपायर ने इसे वाइड करार नहीं दिया था. तभी पावेल ने तुरंत डीआरएस की मांग की. पावेल का घुटना टिका हुआ था, लेकिन उनके पांव ऑफ स्टम्प के अंदर थे, इसलिए वाइड को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए था. खैर जब रिव्यू लिया गया सामने के कैमरा एंगल से गेंद साफ तौर पर नीली वाइड रेखा के बाहर दिखाई दे रही थी. मगर जब बल्लेबाज के पीछे का एंगल दिखाया गया तो गेंद वाइड रेखा के बहुत अंदर थी. इस घटना के कारण लोग केवल अंपायरिंग फैसले नहीं बल्कि रिव्यू सिस्टम पर भी सवाल उठाने लगे हैं.
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