Sanju Samson on his Cricket Journey: महज 18 साल की उम्र में IPL डेब्यू और 20 की उम्र तक आते-आते इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले संजू सैमसन बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे. उनके पिता का भी यही सपना था कि संजू क्रिकेटर बने. यही कारण है कि संजू के पिता ने उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए कई चुनौतीपूर्ण फैसले लिए. गौरव कपूर के यू-ट्यूब चैनल 'ब्रेकफास्ट विथ चैंपियंस' पर संजू सैमसन ने अपने क्रिकेट करियर के सफर से जुड़े कई किस्से सुनाए हैं. इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि उनके माता-पिता ने उनके सपनों को पूरा करने के लिए किस तरह कठिनाइयों का सामना किया.
संजू सैमसन कहते हैं, 'जब हम 6-7 साल के थे तो पहली बार पापा हमें फिरोजशाह कोटला के मैदान पर नेट प्रैक्टिस कराने लेकर गए थे. दिल्ली में कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा था. वहां हमने एक-दो जगह क्रिकेट के ट्रायल दिए लेकिन कुछ हुआ नहीं तो पापा ने फैसला लिया कि अपन अब केरला से ही खेलेंगे. एक महीने के अंदर हम लोग स्कूल वगैरह छोड़कर केरला शिफ्ट हो गए. मेरे और मेरे भाई के लिए हमारे माता-पिता ने यह एक बड़ा बोल्ड फैसला लिया था.'
संजू बताते हैं, 'त्रिवेंद्रम पहुंचने के बाद हमें एक-दो महीने तक किसी स्कूल में एडमिशन नहीं मिला था क्योंकि हम बीच सेशन में आए थे. आखिरी में एक स्कूल में एडमिशन मिला. हमारे पापा दिल्ली पुलिस में जॉब कर रहे थे और हम केरला में थे. जब क्रिकेट में मेरा कुछ नहीं हो रहा था तो पापा वालेंटरी रिटायरमेंट लेकर केरला आ गए. उसके बाद वह मुझे और मेरे भाई को सुबह-शाम प्रैक्टिस के लिए लेकर जाते थे. उन्होंने बहुत कुछ किया हमें यहां तक पहुंचाने के लिए.'
संजू आगे बताते हैं, 'दिल्ली में भी जब हम खेलने जाते थे तो बस स्टैंड तक हमारा किट बैग पापा-ममी उठाकर चलते थे. पीछे से आवाजें आती थी कि ओए सचिन और उसके पापा भी जा रहे भाई, ये बनेगा तेंदूलकर. इस तरह के कई मजाकिया कमेंट उन्होंने सहे हैं. वह मेरे लिए बड़े कॉन्फिडेंट थे.'
संजू सैमसन फिलहाल 27 साल के हैं और राजस्थान रॉयल्स के कैप्टन हैं. उनकी कप्तानी में राजस्थान की टीम IPL के इस सीजन में टॉप-3 टीमों में शामिल है और प्लेऑफ में पहुंचने की मजबूत दावेदार है.
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