महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपरकिंग्स आईपीएल 2020 में चार मैच हारकर कई लोगों के निशाने पर आ गई है. टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने भी पिछले बार की उपविजेता टीम चेन्नई पर कटाक्ष किया है. बुधवार को कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के खिलाफ 168 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी की टीम चेन्नई एक समय बहुत बेहतर स्थिति में थी. चेन्नई को एक समय आखिरी दस ओवरों में सिर्फ 79 रन चाहिए थे और नौ विकेट बचे हुए थे। हालांकि, केकेआर को डेथ ओवरों में जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए 10 रनों से महत्वपूर्ण जीत दर्ज की.
लक्ष्य का पीछा करने के दौरान कप्तान धोनी ने ड्वेन ब्रावो और रवींद्र जडेजा से पहले केदार जाधव को भेजा. कैप्टन कूल के इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं खुद को बल्लेबाजी क्रम में प्रमोट करके चौथे नंबर पर उतरे धोनी भी कुछ खास नहीं कर सके और 12 गेंदों में सिर्फ 11 रन ही बना सके.
सरकारी नौकरी समझ रहे हैं चेन्नई के कुछ खिलाड़ी
टीम इंडिया के पूर्व कैप्टन सहवाग ने इस हार के बाद चेन्नई की आलोचना करते हुए तंज कसा कि टीम के खिलाड़ी फ्रेंचाइजी को सरकारी नौकरी की तरह मान रहे हैं. सहवाग ने कहा, "इस लक्ष्य का पीछा किया जाना चाहिए था, लेकिन केदार जाधव और रवींद्र जडेजा द्वारा खेली गई डॉट बॉल ने मदद नहीं की. मेरे ख्याल से चेन्नई सुपर किंग्स के कुछ बल्लेबाज सीएसके को सरकारी नौकरी समझते हैं. चाहे आप प्रदर्शन करें या न करें, उन्हें पता है कि वैसे भी उनका वेतन मिलेगा." बता दें कि चेन्नई ने आईपीएल नीलामी में जाधव को 7 करोड़ से ज्यादा रुपये में खरीदा है.
जाधव को मिलना चाहिए था मैन ऑफ द मैच
41 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर ने बल्ले से खराब प्रदर्शन के लिए जाधव को निशाने पर लिया जिन्होंने उन्होंने 12 गेंदों पर केवल 7 रन बनाए. अपनी फेसबुक सीरीज 'वीरू की बैठक' में सहवाग ने कहा कि मैन ऑफ द मैच के असली हकदार केदार जाधव हैं. उन्होंने कहा कि केदार जाधव रन करना तो दूर, वो भागना भी नहीं चाहते थे. सीएसके जिसने अब तक आठ फाइनल खेले हैं, इस सीजन में छह मैचों में केवल दो मैच ही जीत सकी है. येलो आर्मी का अगला मुकाबला शनिवार को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से होगा.
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