नई दिल्ली. आईपीएल (IPL) शुरू होने में अब एक महीने से भी कम का समय बचा है. आईपीएल 2020 (IPL 2020) का आगाज़ 29 मार्च से होगा, लेकिन इस बार ऐसा लग रहा है कि किसी को आईपीएल की नज़र लग गई है और वो नज़र है आर्थिक मंदी की. ऐसा लगता है कि आर्थिक मंदी ने दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड को यानि की बीसीसीआई को भी डरा दिया है.


आईपीएल में कई चीज़ों को लेकर दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड की नज़र अब कटौती करने पर है. एक रिपोर्ट के मुताबिक आईपीएल की आठ फ्रैंचाइजी को बीसीसीआई ने एक सर्कुलर भेजा. इस सर्कुलर में बोर्ड ने सभी आठ टीमों को बताया है कि इस सीज़न में आईपीएल का उद्घाटन समारोह नहीं होगा. इसके साथ ही साथ बोर्ड ने 2020 के लिए प्लेऑफ स्टैंडिंग फंड में करीब 50 प्रतिशत की कमी का प्रस्ताव रखा है, जिस पर अभी फ्रैंचाइजी द्वारा बहस की जा रही है.


प्लेऑफ स्टैंडिंग फंड में अगर कटौती होती है तो फिर इस बार विजेता और रनरअप को तो नुकसान होगा ही इसके साथ ही साथ तीसरे और चौथे नंबर पर रहने वाली टीम भी नुकसान झेलेगी. हालांकि अभी बीसीसीआई के कटौती के इस प्रस्ताव पर बहस चल रही है, लेकिन अगर बीसीसीआई का ये फैसला मान लिया गया तो प्लेऑफ में पहुंचने वाली टीमों के बड़ा नुकसान जरुर होगा.


बीसीसीआई (BCCI) की तरफ से भेजे गए सर्कुलर में कहा गया है कि आईपीएल-2020 के फाइनल में विनर को 10 करोड़ रुपये मिलेंगे, रनरअप यानि की फाइनल हारने वाली टीम को 6.25 करोड़ रुपये और तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमों को 4.375 करोड़ दिए जाएंगे. इससे पहले विनर को 20 करोड़, रनर अप को लगभग 12.50 करोड़ और तीसरे और चौथे नंबर पर रहने वाली टीम को लगभग 8.8 करोड़ रुपये मिलते थे.


लेकिन बीसीसीआई का ये फैसला आईपीएल में हिस्सा ले रही सभी आठों फ्रेंचाइजियों को रास नहीं आ रहा है. दो दिन इस पर चर्चा करने के बाद फ्रेंचाइजियों ने संयुक्त रूप से बीसीसीआई को इस संबंध में पत्र लिखने का फैसला किया है. यह पत्र अगले 24 घंटे में अध्यक्ष सौरव गांगुली को भेजा जाएगा. इस मामले से संबंध रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि ''सभी फ्रेंचाइजियां एक साथ हैं और 48 घंटे चर्चा करने के बाद यह फैसला लिया गया है कि बीसीसीआई को एक संयुक्त पत्र भेजा जाएगा और बताया जाएगा कि यह कदम सही नहीं है.''


सूत्र ने कहा, "दिल्ली कैपिटल्स ने यह चर्चा शुरू की, लेकिन यह फैसला तब हुआ तब सभी आठों फ्रेंचाइजियों इस पर सहमति जाहिर की. जो पत्र बोर्ड के अध्यक्ष को भेजा जाएगा उस पर सभी आठ टीमों के हस्ताक्षर होंगे. मुख्य मुद्दा ईनामी राशि में 50 फीसदी की कटौती का है." सूत्र ने कहा, "यह फैसला लेते हुए हमें लूप में भी नहीं रखा गया. हमें यह सब चीजें मीडिया से पता चलीं. यहां तक की ऑल स्टार मैच को लेकर भी हमें सबसे आखिर में पता चला. चीजें इस तरह से काम नहीं करती हैं."


सूत्र से जब पूछा गया कि क्या पत्र भेज दिया गया है? तो उन्होंने कहा, "पत्र तैयार है और अगले 24 घंटों के अंदर अध्यक्ष के पास भेज दिया जाएगा. छह फ्रेंचाइजियों की सहमति मिलने के बाद मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स से बात की गई और वह भी इस पर तैयार हो गईं. यह फोन और मैसेज पर की गई क्योंकि सभी मालिकों का एक साथ मिलना मुश्किल था."


भले ही बीसीसीआई का ये फैसला टीमों को रास नहीं आ रहा हो, लेकिन यदि बोर्ड अपने फैसले पर अडिग रहा तो फिर आईपीएल 2020 की चैंपियन बनने वाली टीम के लिए ये बड़ा नुकसान तो होगा ही, क्योंकि इस बार की विजेता को पिछली बार की चैंपियन टीमों के मुकाबले कम राशि मिलेगी.