Yuvraj Singh: वर्ल्ड कप 2011 फाइनल में धोनी ने क्यों बदला था अपना बल्लेबाजी क्रम? युवराज सिंह ने बताई पूरी कहानी
World Cup 2011 के फाइनल मैच में जब भारत ने अपना तीसरा विकेट खोया था तो युवराज सिंह की जगह अचानक धोनी बल्ला लिए मैदान में उतर गए थे.
Yuvraj Singh on MS Dhoni: वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मैच का वह लम्हा आपको जरूर याद होगा जब टीम इंडिया ने 275 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 114 रन पर अपना तीसरा विकेट गंवा दिया था. विराट कोहली 35 रन पर आउट होकर पवेलियन लौट रहे थे और दूसरी तरफ से युवराज सिंह की जगह कप्तान एमएस धोनी खुद बल्ला लिए पिच की ओर बढ़ रहे थे.
धोनी के अचानक इस बल्लेबाजी क्रम में बदलाव को लेकर हर कोई हैरान था. हालांकि धोनी का यह फैसला टीम इंडिया की किस्मत बदलने वाला साबित हुआ और उन्होंने 91 रन की नाबाद पारी खेलते हुए भारत को 28 साल बाद वर्ल्ड कप ट्रॉफी दिला दी. अब युवराज सिंह ने वर्ल्ड कप 2011 के इस फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम में हुए बदलाव को लेकर पूरी कहानी बयां की है.
युवराज सिंह ने खोला राज़
युवराज ने एक स्पोर्ट्स चैनल के साथ बातचीत में बताया, 'माही का वर्ल्ड कप 2011 में मुझसे पहले बल्लेबाजी के लिए जाना टीम का फैसला था. जब गौतम गंभीर और विराट कोहली क्रीज पर टीम इंडिया की पारी को आगे बढ़ा रहे थे तब ड्रेसिंग रूम में एक बातचीत हुई थी. वीरू, सचिन, गैरी कस्टर्न और माही के बीच बातचीत होने के बाद यह तय किया गया था कि बीच के ओवर में लेफ्ट-राइट कॉम्बीनेशन की जरूरत होगी क्योंकि तब श्रीलंका के दो ऑफ स्पिनर गेंदबाजी कर रहे होंगे. तो यह तय किया गया कि अगर विराट आउट होते हैं तो माही पांचवें क्रम पर उतरेंगे और अगर गंभीर का विकेट गिरता है तो अगला बल्लेबाज मैं रहूंगा.'
इस मुकाबले में धोनी ने पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए 79 गेंद पर 91 रन की लाजवाब पारी खेली थी. भारत की ओर से विजय छक्का भी उन्होंने ही लगाया था. धोनी को इस दमदार पारी के लिए 'प्लेयर ऑफ दी मैच' चुना गया था. वहीं युवराज सिंह 'प्लेयर ऑफ दी टूर्नामेंट' रहे थे.
ऐसा था फाइनल मुकाबले का रोमांच
वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी थी. महेला जयवर्धने के शतक और दिलशान व संगाकारा की छोटी-छोटी पारियों की बदौलत श्रीलंका ने भारत को 275 रन का लक्ष्य दिया था. जवाब में भारत ने 31 रन के कुल योग पर ही सहवाग और सचिन के विकेट खो दिए थे. यहां से गौतम गंभीर और विराट कोहली के बीच 83 रन की साझेदारी और फिर गंभीर और धोनी के बीच 109 रन की पार्टनरशिप ने भारत को जीत के करीब पहुंचाया. आखिरी में धोनी और युवराज ने 54 रन की नाबाद साझेदारी कर भारत को यह मैच जीता दिया.
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