(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
भारत के पूर्व गेंदबाज ने कहा- शुरूआत में मैं सचिन बनना चाहता था और लोगों ने मेरी तुलना भी शुरू कर दी थी
अजीत अगरकर ने अपने शुरूआती दिनों को याद करते हुए कहा कि वो शुरू से ही एक बल्लेबाज बनना चाहते थे और उनकी बल्लेबाजी देख लोग उन्हें अगला सचिन कहने लगे थे. सचिन ने उन्हें पैड और ग्लव्स भी दिए थे लेकिन अंत में वो कामयाब नहीं हो पाए.
तेज गेंदबाज अजीत अगरकर ने 349 अंतर्राष्ट्रीय विकेट हासिल किए हैं और एक गेंदबाज के रूप में उन्होंने अपना शानदार करियर बनाया है. लेकिन यह आपको आश्चर्यचकित कर सकता है कि वो बड़े होने के दौरान एक बल्लेबाज बनना चाहते थे. वास्तव में, अगरकर का बल्ले के साथ कनेक्शन ऐसा था कि उनकी तुलना महान सचिन तेंदुलकर से भी की जाती थी, और यहां तक कि एक दिन उन्हें भारत के महान बल्लेबाज के रूप में देखा जाने लगा था. अगरकर ने अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए वीडियो में पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा से इस विषय पर बात की. उन्होंने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि, “मैं मुंबई के लिए एक खिलाड़ी थे, जिसका नाम अजीत अगरकर था और सचिन तेंदुलकर ने मुझे पैड भी दिए थे. मैं अगला तेंदुलकर बनना चाहता था ”
अगरकर ने ये बात भी बताई कि उन्हें कब पता चला कि वो एक बल्लेबाज ही बनेंगे, “वास्तव में, यह इसलिए शुरू हुआ क्योंकि मैं एक बल्लेबाज बनना चाहता था. स्कूल में मैं रन बनाता था, हमारे कोच वही थे - रमाकांत आचरेकर और उन्होंने मुझमें कुछ देखा होगा. सचिन तेंदुलकर तब तक उनकी कोचिंग से बाहर आने वाले अगले बड़े खिलाड़ी बन चुके थे. प्रवीण आमरे और कई अन्य लोग भी सचिन से पहले आए थे और अच्छा कर रहे थे. कई लोग उनकी अकादमी से बाहर आते थे. ”
अगरकर ने अपने पहले 12 एकदिवसीय मैचों में सिर्फ दो बार बल्लेबाजी की, लेकिन शारजाह में श्रीलंका के खिलाफ 30 और नाबाद 26 रन बनाने के बाद उन्हें मुश्किल से ही बल्लेबाजी करने का मौके हासिल हुआ. फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खूंखार टेस्ट सीरीज़ आई, एक ऐसी टीम जिसके खिलाफ अगरकर ने लगातार 6 डक रिकॉर्ड किए, जिससे उनकी बल्लेबाजी की साख को धक्का लगा. हालांकि अगरकर का बल्लेबाजी रिकॉर्ड ऐसा है जो सचिन के पास भी नहीं. अगरकर ने लॉर्ड्स के मैदान पर शतक जड़ा है जो उन्होंने 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था.
“मैं अच्छे रन बनाता था और लोगों की धारणा यही थी. अब जब आप 16 साल की उम्र में खेलते हैं तो आप आईपीएल खेलते हैं, लेकिन तब राष्ट्रीय टीम तक पहुंचने के लिए एक निश्चित कदम था. मैं रन बनाता था और एक खबर चल रही थी कि मुंबई से कोई नया बल्लेबाज आ सकता है, लेकिन उस उम्र में आपको लगता है कि बस आपको अपना खेल और निखारना है.
“सचिन ने मुझे दस्ताने दिए. हम एक ही स्कूल में थे और उन्हें लगा कि कोई अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और इसलिए उन्होंने मुझे दस्ताने दिए. तब मैं उसे ज्यादा नहीं जानता था मैंने उनके पैड का इस्तेमाल नहीं किया था, हालांकि हो सकता है कि मैं एक बेहतर बल्लेबाज बन सकता था अगर मैंने उनके पैड का इस्तेमाल किया होता.