प्रो कबड्डी लीग (Pro Kabaddi League) सीजन 8 अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच गया है. तीन मुकाबलों के बाद ये तय हो जाएगा कि इस बार का चैंपियन कौन है. इस सीजन कुछ टीम ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और टीम को प्लेऑफ्स (Playoffs) की टिकट दिलाई, तो कुछ खिलाड़ी अकेले लड़ते रहे और टीम से साथ न मिलने की वजह से उनकी टीमों को प्लेऑफ्स की दौड़ से बाहर होना पड़ा. इस सीजन पटना की एकलौती टीम रही, जिसने एकजुट होकर खेला और किसी भी एक खिलाड़ी पर टीम निर्भर नहीं रही. इसके अलावा ज्यादातर ऐसी टीमें रहीं, जो एक ही खिलाड़ी पर निर्भर रहीं. ऐसे में चलिए उन खिलाड़ियों पर नज़र डालते हैं, जिन्होंने अकेले शानदार प्रदर्शन किया लेकिन टीम को प्लेऑफ्स में नहीं पहुंचा सकते.


मनिंदर सिंह (बंगाल वॉरियर्स )


इस सीजन खेले गए 22 मुकाबलों में 250 से अधिक रेड प्वाइंट्स हासिल करने वाले मनिंदर सिंह (Maninder Singh) सबसे बेहतरीन रेडर में से एक हैं. लीग मुकाबलों के दौरान पर टॉप रेडर्स की सूची में ज्यादातर पहले स्थान पर रहे. यही नहीं उन्होंने ग्रीन स्लीव्स भी हासिल किया, जो सबसे अधिक रेड प्वाइंट्स हासिल करने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है. यही नहीं मनिंदर सिंह 16 सुपर 10 लगाने वाले पहले खिलाड़ी भी बने, जबकि 39 डू ऑर डाई रेड में प्वाइंट्स हासिल किया. इनके अलावा बंगाल की ओर से मोहम्मद नबीबक्श (Mohammad Nabibaksh) ने 66 और सुकेश हेगड़े (Sukesh Hegde) ने 43 अंक हासिल किए, जो बताता है कि मनिंदर पर किस कदर टीम निर्भर थी. शायद यही वजह है कि टीम प्लेऑफ्स में जगह नहीं बना सकी. अगले सीजन मैनेजमेंट मैट टीम को उतारने से पहले मनिंदर के लिए ऐसे पार्टनर की तलाश में होगी, जो उनके साथ न चले, तो कम से कम उनके पीछे जरूर चले.


सागर राठी (तमिल थलाइवाज)


ये बहुत कम देखा गया है कि जिस खिलाड़ी की टीम प्लेऑफ्स की दौड़ से पहले ही बाहर हो गई थी वो सबसे अधिक टैकल प्वाइंट्स के मामले में सबसे आगे है. सागर (Sagar) ने इस सीजन दूसरी टीमों को भी सिखाया कि मैच डिफेंस के बल पर भी जीता जा सकता है. सागर ने 22 मुकाबलों में 82 टैकल किए और 8 हाई-5 पूरा किया. सबसे अधिक हाई-5 के मामले में उनसे आगे सिर्फ पटना पायरेट्स के मोहम्मद्रेजा चियानेह (Chiyaneh) हैं, जिन्होंने 81 टैकल प्वाइंट्स के साथ 9 हाई-5 पूरा किया है. सागर को कप्तान सुरजीत सिंह (Surjeet Singh) का कुछ मुकाबलों में साथ मिला लेकिन रेस टू प्लेऑफ्स की मुकाबलों में सुरजीत बिल्कुल नहीं चले और टीम लगातार 6 मुकाबलों हार कर प्लेऑफ्स की दौड़ से बाहर हो गई.


अर्जुन देशवाल (जयपुर पिंक पैंथर्स)


जयपुर पिंक पैंथर्स की नई खोज और उनके मुख्य रेडर अर्जुन देशवाल (Arjun Deshwal) ने इस सीजन शानदार शुरुआत की और लगातार 7 सुपर 10 पूरा किया. अर्जुन की धमाकेदार प्रदर्शन कि वजह से दीपक हुड्डा (Deepak Hooda) की जगह वो टीम के मुख्य रेडर बन गए. उन्होंने 22 मुकाबलों में 267 रेड प्वाइंट्स हासिल किए, जबकि  16 सुपर 10 भी पूरा किया. बावजूद इसके उनकी टीम प्लेऑफ्स की दौड़ से बाहर हो गई. दीपक हुड्डा ने कुछ मुकाबलों में उनका साथ दिया लेकिन जब प्लेऑफ्स की रेस शुरू हुई, तो अर्जुन पर दारोमदार था और वो उस दबाव में निखर नहीं सके. साथ में उन्हें टीम की डिफेंस से भी सहयोग नहीं मिला.


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