Narendar Kandola Interview: प्रो कबड्डी लीग (PKL) 2022 में तमिल थलाइवाज के पहले मुकाबले में सभी की निगाहें पवन सहरावत पर थीं. पवन ने शुरुआत में बेहद कम रेड कीं और फिर 10 मिनट बाद ही चोटिल होकर बाहर चले गए. इस बीच 18 साल के एक युवा रेडर ने थलाइवाज को संभालने का काम किया. इस रेडर का नाम है नरेंदर कंडोला और वह लीग में अपना पहला सीजन खेल रहे हैं. नरेंदर किस तरह कबड्डी में आए और कैसे उन्हें लीग में खेलने का मौका मिला से लेकर उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि तक कई मुद्दों पर एबीपी न्यूज ने उनसे खास बातचीत की है.
बातचीत की शुरुआत में नरेंदर ने बताया कि उनके पिता किसान हैं और घर की कमाई का मुख्य जरिया खेती है. उनका एक भाई है जो फिलहाल पढ़ाई कर रहा है. कबड्डी की शुरुआत कैसे हुए पूछने पर उन्होंने बताया कि वह 11-12 साल की उम्र से ही कबड्डी खेल रहे हैं.
नरेंदर ने बताया, "गांव में सारे लोग कबड्डी खेलते थे और दूसरा कोई खेल नहीं होता था. मैंने भी सबको देखकर कबड्डी खेलना शुरु कर दिया. पहले तो कुछ सोचा नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे खेल के लिए प्यार बढ़ता गया और मैंने इसी में करियर बनाने का फैसला लिया. खेलो इंडिया में जब मौका मिला तो फिर मेरा जीवन बदल गया."
नरेंदर के गांव के ही खिलाड़ी विकास कंडोला पीकेएल में अपनी धाक जमा चुके हैं. विकास लीग इतिहास के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी हैं. नरेंदर के मुताबिक, शुरुआत में उन्होंने विकास के साथ भी कबड्डी खेली है और उनसे काफी कुछ सीखा है.
पीकेएल में आने के बारे में उन्होंने बताया, "खेलो इंडिया के बाद मुझे स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के गांधीनगर सेंटर जाने का मौका मिला. वहीं प्रैक्टिस चल रही थी और फिर मुझे पता चला कि तमिल थलाइवाज मुझे अपने साथ जोड़ रही है. न्यू यंग प्लेयर होने के कारण सीधे मेरे साइन लिए गए थे. SAI में जाना मेरे लिए फायदेमंद रहा क्योंकि वहां प्रैक्टिस और खाने-पीने की व्यवस्था काफी अच्छी थी."
यह भी पढ़ें: