KD Jadhav Story: अब तक ओलंपिक इतिहास में भारत ने 35 मेडल जीते हैं. जिसमें 10 गोल्ड मेडल के अलावा 9 सिल्वर और 16 ब्रॉन्ज शामिल है. वहीं, इस मेगा इवेंट में भारत को सबसे ज्यादा कामयाबी हॉकी में मिली है. भारत ने ओलंपिक के हॉकी में 8 बार गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत ने 1 गोल्ड समेत 7 मेडल जीतकर अपना बेस्ट प्रदर्शन किया. लेकिन क्या आप जानते हैं ओलंपिक के व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय कौन थे? दरअसल, ओलंपिक के व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय का नाम केडी जाधव है, लेकिन इस पहलवान के लिए ओलंपिक मेडल तक पहुंचना बेहद मुश्किल भरा रहा.


केडी जाधव ने हेलसिंकी ओलंपिक 1952 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. हालांकि, इससे पहले ग्रीस ओलंपिक 1900 में नॉर्मन प्रिचर्ड ने 2 सिल्वर मेडल जीते, लेकिन वह भारतीय मूल के नहीं थे. दरअसल, तब भारत अंग्रेजों के अधीन था और ब्रिटिश झंडे के तले ओलंपिक का हिस्सा बना था. केडी जाधव की बात करें तो उनका जन्म 1926 में महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ. उन्होंने महज 5 साल की उम्र में कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेना शुरू कर दिया. केडी जाधव सबसे पहले लंदन ओलंपिक 1948 का हिस्सा बने, लेकिन वह छठे नंबर पर रहे. हालांकि, उन्होंने अपनी कुश्ती कौशल से काफी सुर्खियां बटोरी थी.


इसके बाद केडी जाधव ने हेलसिंकी ओलंपिक 1952 के लिए तैयारी शुरू कर दी, जमकर पसीना आया, लेकिन हेलसिंकी जाने का वक्त आया तो उनके पास पैसे नहीं थे... फिर इस दिग्गज पहलवान ने बॉम्बे स्टेट के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोरारजी देसाई से मदद की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने खेलकर लौटने के बाद मिलने को कहा. इसके बाद उनके कॉलेज प्रिंसिपल ने 7 हजार जबकि राज्य सरकार ने 4 हजार रुपए दिए, लेकिन ये रकम काफी नहीं थी. केडी जाधव हार मानने वाले नहीं थे, इसके बाद उन्होंने कई लोगों से उधार लिया और अपना घर तक गिरवी रखकर किसी तरह पैसों का इंतजाम किया. बहरहाल, केडी जाधव ने हेलसिंकी ओलंपिक 1952 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया.


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