कोरोना वायरस की वजह से 2020 में होने वाले ओलंपिक खेलों का आयोजन एक साल के लिए टाला जा चुका है. हालांकि यह साफ है कि इन खेलों के एक साल के लिए टाले जाने का असर पहले से तय 2024 और 2028 के इवेंट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने दावा किया है कि 2028 में भारत ओलंपिक खेलों में टॉप 10 देशों में जगह बनाने में जरूर कामयाब होगा.


किरण रिजिजू ने कहा है कि देश का लक्ष्य 2028 ओलंपिक खेलों के टॉप 10 में जगह बनाने के मद्देनज़र तैयारियां शुरू हो चुकी है. हालांकि अब तक ओलंपिक खेलों में भारत का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. जहां तक पदक की बात है तो रियो में आयोजित हुए पिछले ओलिम्पक खेलों में भारत को सिर्फ दो पदक मिले थे. महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु ने रजत पदक जीता तो महिला कुश्ती खिलाड़ी साक्षी मलिक कांस्य पदक लेकर आईं थी और भारत ने खेलों के महाकुंभ का अंत पदक तालिका में 67वें स्थान पर रहते हुए किया था .


भारत का ओलिम्पक में सबसे अच्छा प्रदर्शन लंदन ओलिम्पक-2012 में रहा था जब भारत ने छह पदक जीते थे जिसमें दो रजत और चार कांस्य पदक शामिल थे. इन सभी आकंड़ों के बाद भी खेल मंत्री ने कहा है कि भारत का लक्ष्य 2028 में रिकार्ड पदक जीतने का है. जूनियर खिलाड़ियों से उम्मीद लगाते हुए रिजिजू ने कहा है कि पूरा देश 2024 ओलिम्पक खेलों में देश की प्रगति देखेगा.


रिजिजू ने महिला टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा के साथ इंस्टाग्राम पर बात करते हुए कहा, "2024 मध्यकालीन लक्ष्य हैं लेकिन असल लक्ष्य तो 2028 में रिकार्ड मात्रा में पदक जीतना है. जब मैं खेल मंत्री बना था तो मेरे पास ज्यादा प्रतिभाशाली खिलाड़ी, संभावित ओलिम्पक पदक विजेता नहीं थे. 2024 में हमारे पास एक संभावित टीम होगी जो ज्यादा से ज्यादा पदक लेकर आएगी, लेकिन 2028 में मैंने अपने दिमाग में लक्ष्य बना लिया है कि हमें शीर्ष-10 में आना है. मैं यह बात सिर्फ ऐसे ही नहीं कह रहा हूं. हमारी तैयारी शुरू हो चुकी है."


उन्होंने कहा, "जूनियर एथलीट हमारे भविष्य के सितारे हैं. हमने अच्छे तरीके से अपनी तैयारी शुरू की है. हम 2024 में परिणाम देखेंगे और जल्दी प्रगति करेंगे, लेकिन मेरे शब्द लिख लीजिए, हम 2028 ओलम्पिक में शीर्ष-10 में होंगे."


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