कोरोना वायरस की वजह से बीते चार महीनों से भारत में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं हो रहा है. ऑनलॉक का लगभग डेढ महीना गुजर जाने के बाद भी अब तक सभी खिलाड़ी अपनी प्रैक्टिस शुरू नहीं कर पाए हैं. खेलों को पूरी तरह से पटरी पर लाने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के युवा मामलों एवं खेल विभाग के प्रभारी मंत्रियों के साथ बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की. बैठक से संकेत मिले हैं कि खेलों की शुरुआत होने में अभी कम से कम दो या तीन महीने और लग सकते हैं.
बैठक का मकसद देशभर के नेहरू युवा केंद्र संगठन और राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों के साथ जमीनी स्तर के खेल विकास के लिए रोडमैप तैयार करना था. रिजिजू ने कहा,
एनवाईकेएस और एनएसएस के 60 लाख से अधिक स्वयंसेवक फ्रंटलाइन कोविड वॉरियर्स के रूप में लगे हुए थे क्योंकि उन्होंने महामारी के दौरान जागरूकता पैदा की, मास्क बनाया और वितरित किया तथा नागरिकों की सहायता की.-
उन्होंने आगे कहा,
हमने युवा मंत्रालय की योजनाओं के तहत एक करोड़ से अधिक स्वयंसेवकों को जुटाने का लक्ष्य रखा है. स्वयंसेवक न केवल कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, बल्कि नागरिकों को माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण से लाभ प्राप्त करने में मदद करेंगे.-
दो-तीन महीने बाद खेले जा सकते हैं टूर्नामेंट
राज्यों में खेल गतिविधियों को फिर से शुरू करने की संभावना की समीक्षा करते हुए, रिजिजू ने कहा,
राज्यों को स्वतंत्र रूप से यह तय करना होगा कि वे खेल गतिविधियों और प्रशिक्षण कब शुरू कर सकते हैं. हालांकि, मैं सभी राज्यों से दो-तीन महीने बाद कुछ खेल गतिविधियों को शुरू करने का अनुरोध करूंगा.-
केंद्रीय खेल मंत्री ने कहा,
हम एक सीमित तरीके से गैर-संपर्क खेलों के लिए खेल प्रतियोगिताओं को शुरू कर सकते हैं. कुछ राज्य हैं जिन्होंने अपनी खेल सुविधाओं को शुरू कर दिया है, जहां कुछ खेल प्रशिक्षण शुरू हो गए हैं. जैसे-जैसे स्थिति में सुधार होता है, हमें ऑन-फील्ड खेल को वापस लाने का प्रयास करना चाहिए.-
2022 फुटबॉल विश्व कप: फीफा ने ओपनिंग और फाइनल मैच की तारीखों का किया एलान