Neetu Ganghas Jorney: कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय बॉक्सर नीतू घणसण ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया. दरअसल, यह गोल्ड मेडल नीतू घणसण के लिए बेहद खास है, क्योंकि इस बॉक्सर का अब तक का सफर आसान नहीं रहा है. नीतू ने मेडल जीतने के बाद अपने पिता को याद किया और उन्हें यह समर्पित किया. नीतू के पिता हरियाणा सचिवालय के कर्मचारी जय भगवान दो बार की वर्ल्ड यूथ चैंपियन नीतू को ट्रेनिंग देने के लिए पिछले तीन साल से अवैतनिक अवकाश पर हैं. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने बेटी को बॉक्सर बनाने के लिए कितना त्याग किया.
'तिरंगे को ऊपर जाते हुए देखना सबसे बड़ा अहसास था'
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीतू ने कहा कि तिरंगे को ऊपर जाते हुए देखना सबसे बड़ा अहसास था. यह मेरी पुरानी इच्छा थी, जो आज पूरी हो गई. इसके लिए मैं सभी के आशीर्वाद के लिए आभारी हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह मेडल देशवासियों और मेरे पिता समर्पित है. नीतू ने आगे कहा कि मेरे पिता ने मेरे लिए कोई कसर नहीं छोड़ा. हालात आसान नहीं थे, लेकिन मुझे हमेशा बेस्ट मिला. अगर मेरे पिता नहीं होते तो मैं यहां नहीं होती.
नीतू ने फाइनल में इंग्लैंड की डेम-जेड रेस्टन को हराया
गौरतलब है कि कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय बॉक्सर नीतू घणसण ने गोल्ड मेडल जीता. उन्होंने फाइनल मैच में इंग्लैंड की डेम-जेड रेस्टन को हराया. यह मैच वुमेंस 45-48 किलोग्राम मिनिमम वेट कैटेगरी का था. दरअसल, नीतू घणसण मूलतः हरियाणा के भिवानी की रहने वाली है. इससे पहले साल नीतू घणसण ने 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बॉक्सर रेस्टन को हराया था.
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