लॉकडाउन के दौरान ऋद्धिमान साहा अपने पिता सीनियर साहा के साथ फ्लैट में कर रहे हैं विकेटकीपिंग अभ्यास
साल 2018 में कंधे की सर्जरी को लेकर साहा ने कहा कि अब वो काफी बेहतर महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में ऐसा कुछ नहीं जो आप नहीं कर सकते. बस आप दौड़ नहीं सकते लेकिन बाकी आप सारी जरूरी चीजें कर रहे हैं.
दक्षिण कोलकाता में ऋद्धिमान साहा के घर में दो पिता है. एक खुद छोटे साहा जो हाल ही में पिता बने हैं और एक सीनियर साहा जिनका अपने बेटे को टीम इंडिया में भेजने का सपना बहुत पहले साकार हो चुका है और फिलहाल उसे और बेहतरीन खिलाड़ी बनाने की कोशिश कर रहे है. ऋद्धिमान साहा के पिता प्रशांत अपनी पूरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं जहां वो अपने बेटे के हाथ और आंख के कॉर्डिनेशन को और बेहतर बना रहे हैं और वो भी अपने अपार्टमेंट में अभ्यास करवाकर.
साहा ने पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि, मेरे अपार्टमेंट में जो भी ड्रील हो सकता है मैं उसे कर रहा हूं. इस दौरान मैं अपने हाथ और आंख के कॉर्डिनेशन पर काफी काम कर रहा हूं. मैं टेनिस की गेंद को दीवार पर फेंकता हूं और फिर उसे पकड़ता हूं. साहा ने कहा कि इन सब चीजों में उनके पिता उनकी मदद कर रहे हैं. साल 2018 में कंधे की सर्जरी को लेकर साहा ने कहा कि अब वो काफी बेहतर महसूस कर रहे हैं. लॉकडाउन में ऐसा कुछ नहीं जो आप नहीं कर सकते. बस आप दौड़ नहीं सकते लेकिन बाकी आप सारी जरूरी चीजें कर रहे हैं.
इससे पहले टीम इंडिया के ट्रेनिंग कोच ये कह चुके हैं कि खिलाड़ियों को मैदान पर वापस आने के लिए 6 से 8 हफ्ते का वक्त लगेगा लेकिन साहा ने कहा कि वो अभी से ही समय को लेकर नहीं चल रहे हैं. वो खुद अपने आप को पूरा समय देना चाहते हैं. अपनी कीपिंग को लेकर उन्होंने कहा कि, मैच के दौरान उन्हें ज्यादा परेशानी तो नहीं होगी लेकिन हां उस लय को वापस पाने में थोड़ा समय जरूर लग सकता है. दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के खिलाफ बेहतरीन सीरीज के बाद साहा को न्यूजीलैंड में टीम इंडिया की प्लेइंग 11 में शामिल नहीं किया गया था. ऐसे में साहा ने इस बात को लेकर कोई भी शिकायत नहीं की.
साहा ने आगे कहा कि टीम मैनेजमेंट जो फैसला लेगी मैं उसके लिए पहले से ही तैयार हूं और मैं सभी की इज्जत करता हूं. मुझे बचपन से ही ये सिखाया गया है कि टीम की हमेशा इज्जत करो. मेरा काम ट्रेन करना है बाकी सबकुछ टीम पर है.
साहा ने पंत को लेकर कहा कि हम कई बार एक दूसरे के साथ ट्रेनिंग कर चुके हैं ऐसे में मैं उनसे बात भी कर चुका हूं और मैंने जितना क्रिकेट खेला है उसके बारे में भी उनसे अपना अनुभव भी शेयर कर चुका हूं. पंत से तुलना को लेकर साहा ने कहा कि जो मेहनत करेगा वो टीम में जाएगा और खेलेगा तो वहीं अंत में सबकुछ टीम मैनेजमेंट पर है.