गरीबी से लड़ने के लिए लुकाकू ने किया था फुटबालर बनने का फैसला, अब ऐसे कर रहे हैं करिश्मा
इस फारवर्ड ने याद करते हुए कहा कि वह सिर्फ छह साल के थे जब उन्हें अपने परिवार की गरीबी का अहसास हुआ था क्योंकि उन्होंने अपनी मां को दूध में पानी मिलाते हुए देखा था ताकि यह सभी को मिल सके.
फीफा वर्ल्ड कप में बेल्जियम के स्ट्राइकर रोमेलू लुकाकू ने पनामा के खिलाफ दो गोल दागकर शानदार तरीके से अपने अभियान की शुरूआत की है. लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि लुकाकू को अपनी निजी जिंदगी में कितने मुश्किल भरे दिनों का सामना करना पड़ा.
लुकाकू ने वेबसाइट दप्लेयर्सट्रिब्यून से बात करते हुए अपनी गरीबी के दिनों को याद करते हुए बताया कि जब वह छोटे थे तो उनके घर में खाने की कमी होती थी और कभी कभार वे अंधेरे में प्रार्थना करते थे क्योंकि उनके पास अपार्टमेंट में बिजली का बिल भरने के लिये धन नहीं होता था.
उन्होंने कहा, ''हमारे पास इतना पैसा नहीं होता था कि हम पूरे हफ्ते के अंत तक की जरूरतों को पूरा कर सकें. हम सिर्फ गरीब ही नहीं थे बल्कि बहुत गरीब थे.'' 25 साल के लुकाकू ने कहा, ''मेरे पिता पेशेवर फुटबालर थे लेकिन वह अपने करियर के अंतिम पड़ाव में थे और सारा पैसा खत्म हो चुका था.''
इस फारवर्ड ने याद करते हुए कहा कि वह सिर्फ छह साल के थे जब उन्हें अपने परिवार की गरीबी का अहसास हुआ था क्योंकि उन्होंने अपनी मां को दूध में पानी मिलाते हुए देखा था ताकि यह सभी को मिल सके.
इसके बाद ही उन्होंने फैसला किया था कि पेशेवर फुटबाल से वह अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकालेंगे और उन्होंने अपनी प्रतिभा के बूते यह कर भी दिखाया. अब वह मैनचेस्टर यूनाईटेड जैसे क्लब के साथ खेलते हैं. इससे पहले वह चेल्सी, वेस्ट ब्रोमविच एलबियोन और एवर्टन जैसे क्लबों में भी अपना हुनर दिखा चुके हैं. लुकाकू बेल्जियम के लिये रिकार्ड स्कोरर रहे हैं, उन्होंने 70 मैचों में 38 गोल दागे हैं.