अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम से संन्यास ले चुके महेंद्र सिंह धोनी के रिटायरमेंट प्लान का खुलासा हुआ है. भारतीय टीम के सफलतम कप्तानों में शुमार कैप्टन कूल अब कड़कनाथ मुर्गे की फॉर्मिंग करने जा रहे हैं. धोनी अपने रांची स्थित फॉर्महाउस में कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग करेंगे. इसके लिए माही ने झाबुआ के कड़कनाथ फार्मर से संपर्क कर 2 हजार चूजों का ऑर्डर दिया है.


मध्य प्रदेश के एक पोल्ट्री फार्म के मालिक का दावा है कि महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें कड़कनाथ प्रजाति के 2000 चूजों का ऑर्डर दिया है. उन्होंने कहा, "धोनी ने एक मित्र जो रांची वेटरनरी कॉलेज से हैं, उनसे पता लगाकर हमें संपर्क किया. उनकी 2000 चूजों की मांग है जिसे 15 दिसंबर तक भेजना है."



बता दें कि भारत की तरफ करीब 16 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने अगस्त 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी. धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने साल 2007 में आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप, 2011 में  वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती है.



जानें कड़कनाथ मुर्गे की खासियत


दूसरी प्रजातियों के चिकन के मुकाबले कड़कनाथ के काले रंग के मांस में चर्बी और कोलेस्ट्रॉल काफी कम होता है, जबकि इसमें प्रोटीन की मात्रा अपेक्षाकृत कहीं ज्यादा होती है. कड़कनाथ चिकन में अलग स्वाद के साथ औषधीय गुण भी होते हैं. ये एक ऐसा मुर्गा है जिसमें 1.94 प्रतिशत फैट होता है जबकि दूसरे मुर्गों में 25 प्रतिशत होता है. वहीं कोलेस्ट्रॉल लेवल इसमें 59mg होता हो तो वहीं दूसरे मुर्गों में ये मात्रा 218mg होती है.


झाबुआ मूल के कड़कनाथ मुर्गे को स्थानीय जुबान में "कालामासी" कहा जाता है. इसकी त्वचा और पंखों से लेकर मांस तक का रंग काला होता है. देश की जियोग्राफिकल इंडिकेशन्स रजिस्ट्री "मांस उत्पाद और पोल्ट्री व पोल्ट्री मीट" की श्रेणी में कड़कनाथ चिकन के नाम भौगोलिक पहचान (GI) का चिन्ह भी पंजीकृत कर चुकी है. कड़कनाथ प्रजाति के जीवित पक्षी, इसके अंडे और इसका मांस दूसरी कुक्कुट प्रजातियों के मुकाबले महंगी दरों पर बिकता है.


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