इस फुटबॉलर से होती रही डिएगो माराडोना की तुलना, फीफा ने चुना था सदी का महानतम खिलाड़ी
पेले और माराडोना एक दूसरे के खेल के प्रशंसक थे. दोनों की उम्र में दो दशक का फासला था लेकिन रिश्ता दोस्ती का था. फीफा ने उन्हें 2001 में ब्राजील के पेले के साथ खेल के इतिहास के दो महानतम खिलाड़ियों में शामिल किया था.
दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार 1986 विश्व कप में अर्जेंटीना की जीत के नायक डिएगो माराडोना का बुधवार को निधन हो गया. पेले के साथ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में गिने जाने वाले माराडोना 60 वर्ष के थे । पिछले लंबे समय से वह कोकीन की लत और मोटापे से जुड़ी कई परेशानियों से जूझ रहे थे.
पेले से होती थी तुलना
माराडोना ने 491 मैचों में कुल 259 गोल दागे थे. अर्जेंटीना को 1986 में विश्व कप विजेता बनाने वाले और 1990 में फाइनल तक पहुंचाने वाले माराडोना ने 91 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 34 गोल दागे. इतना ही नहीं एक सर्वे में उन्होंने पेले को पीछे छोड़ '20वीं सदी के सबसे महान फ़ुटबॉलर' होने का गौरव अपने नाम कर लिया था. हालांकि फीफा ने वोटिंग के नियम बदल दिए थे और साल 2001 में दोनों खिलाड़ियों को सम्मानित किया था.
पेले ने जताया दुख
‘एक दिन आसमान में कहीं माराडोना के साथ फुटबॉल खेलूंगा ’, ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले ने अर्जेंटीना के करिश्माई खिलाड़ी माराडोना के निधन पर कुछ इस तरह श्रृद्धांजलि दी. पेले ही वह खिलाड़ी हैं जिनका नाम ‘फुटबॉल के बादशाह’ माराडोना के साथ लिया जाता रहा है.
पेले ने ट्वीट किया, ‘बहुत की दुखद समाचार. मैंने एक अच्छा दोस्त और दुनिया ने एक महान खिलाड़ी खो दिया. बहुत कुछ कहना है लेकिन फिलहाल इतना ही कहूंगा कि ईश्वर उनके परिजनों को शक्ति दे. उम्मीद है कि एक दिन हम आसमान में कहीं साथ फुटबॉल खेलेंगे. ’पेले और माराडोना एक दूसरे के खेल के प्रशंसक थे. दोनों की उम्र में दो दशक का फासला था लेकिन रिश्ता दोस्ती का था. फुटबॉल के खेल को खूबसूरत बनाने में इन दोनों के योगदान को दुनिया ने सराहा और इन दोनों ने एक दूसरे के हुनर को.
सौरव गांगुली से लेकर सचिन तेंदुलकर तक, क्रिकेट जगत ने इस तरह दी माराडोना को श्रृद्धांजलि
यादों के झरोखे से: महान खिलाड़ी डिएगो माराडोना ने बंगाल में कहा था- मुझे फुटबॉल का भगवान ना बुलाएं