WWC17: धोनी, गांगुली, कपिल से आगे निकली मिताली राज
जबकि उनके अलावा पुरूषों में पूर्व कप्तान कपिल देव(1983), सौरव गांगुली(2003) और एमएस धोनी(2011) एक-एक विश्वकप में ही टीम को फाइनल तक ले जा पाए थे.
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View In Appइससे पहले उनकी कप्तानी में साल 2005 में भारतीय टीम महिला विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंची थी. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के हाथों हारकर वो खिताब से चूक गई थी.
मिताली बतौर कप्तान दो वनडे विश्वकप फाइनल में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली खिलाड़ी बन गई है. ये रिकॉर्ड महिला और पुरूष दोनों क्रिकेट में है.
आज टीम इंडिया की कप्तान के रूप में उतरने के साथ ही मिताली ने एक ऐसा रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिया है जो बड़े-बड़े कप्तान भी नहीं कर पाए.
इस मैच में दोनों टीमों के अंतिम एकादश में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
इंग्लैंड ने इस टूर्नामेंट में तीन बार खिताबी जीत हासिल की है, वहीं उसने सातवीं बार टूर्नामेंट के फाइनल में कदम रखा है.
यह मैच भारत के लिए बेहद अहम है, क्योंकि भारतीय टीम पहली बार खिताबी जीत हासिल करने का भरसक प्रयास करेगी. इससे पहले, भारत ने 2005 में मिताली राज की कप्तानी में टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया था.
इंग्लैंड क्रिकेट टीम की कप्तान हीथर नाइट ने लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर रविवार को जारी आईसीसी महिला विश्व कप के फाइनल मैच में भारत के खिलाफ टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है.
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