नई दिल्ली: टीम के ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन ने कहा है कि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की तबियत ठीक है और वह कल (बुधवार) मैदान पर वापसी करेंगे. श्रीलंका के खिलाफ फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन मंगलवार को आखिरी सत्र में शमी की तबियत खराब हो गई थी. वह उल्टी करने के बाद मैदान से बाहर चले गए थे.


दिन का खेल खत्म होने के बाद धवन ने शमी के बारे में कहा, "शमी की तबियत एकदम सही है और वह कल वह आपको मैदान पर दिखेंगे."


धवन ने साथ ही शमी और उनके जोड़ीदार ईशांत शर्मा की इस परिस्थिति में शानदार गेंदबाजी करने की तारीफ भी की. दिल्ली के प्रदूषण से परेशान श्रीलंकाई खिलाड़ियों को इस वतावरण में खेलने में परेशानी हो रही है.


दूसरे दिन लाहिरू गमागे को सांस लेने में परेशानी हुई थी और कुछ खिलाड़ियों ने ड्रेसिंग रुम में उल्टी भी की थी. वहीं चौथे दिन सुरंगा लकमल ने भी मैदान पर उल्टी की थी और मैदान से बाहर चले गए थे. हालांकि वह चार ओवर बाद वापस मैदान पर आ गए थे.


धवन ने कहा, "दोनों ने दम लगाकर शानदार गेंदबाजी की. जब स्लिप पर खड़े होते हैं तो पता चलता है. इस स्थिति में उन्होंने जिस तरह से गेंदबाजी उसके लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए. इससे उनकी मानसिकता के बारे में भी पता चलता है कि वह कितना लड़ रहे हैं हमारी टीम के लिए. क्योंकि विकेट इतना मददगार नहीं है."


श्रीलंकाई खिलाड़ियों को प्रदूषण से हो रही परेशानी पर धवन ने कहा "हो सकता है कि उनको आदत नहीं हो. ऐसे हमारी टीम में भी कई खिलाड़ी हैं जिन्हें आदत नहीं है इस तरह के मौसम की, लेकिन जो काम है उसके आगे कुछ और आना नहीं चाहिए. यह मेरा विचार है. हमारी टीम वाले सारे दिल्ली से तो नहीं हैं, उनके लिए भी वही बात है. ऐसा नहीं है कि दिल्ली में प्रदूषण नहीं है, लेकिन जो भी स्थिति है तो उसमें ढलना जरूरी है क्योंकि आप जब देश के लिए खेल रहे हो तो आपको ऐसा करना होता है."


उन्होंने कहा, "दिल्ली में पला बढ़ा हूं तो आदत है. इस समय दूसरे राज्य में फसल कटती है तो यहां प्रदूषण होता है. थोड़ा बहुत है लेकिन यह हमें खेलने से नहीं रोक सकता."


शमी ने सोमवार को कहा था कि श्रीलंका की टीम प्रदूषण की समस्या को बढ़ा-चढ़कर बता रही है. पिछले दो दिनों से भारतीय टीम भी लगातार यही बात कह रही है.


इस पर जब धवन से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "श्रीलंका के खिलाड़ी ही जानते हैं कि वो क्या कर रहे हैं. श्रीलंका में हो सकता है कि इतना प्रदूषण न हो. उनको ऐसा लग सकता है. फिर भी मुझे लगता है कि जो हमारा काम है वो हमें करना चाहिए."