मुबंई: अंडर 19 में वर्ल्ड कप 2020 के फाइनल मैच में खेलने वाले क्रिक्रेटर अथर्व अंकोलकर मुंबई के रहने वाले हैं. मुंबई के अंधेरी प्रकाशवाड़ी इलाके में रहने वाले अथर्व की क्रिकेट की दुनिया में इस मुकाम तक पहुंचने का सफर बेहद कठिन रहा है. एबीपी न्यूज ने अथर्व की मां से उनके संघर्ष की कहानी के बारे में जाना.
अंडर-19 वर्ल्डकप में अपने खेल से सबको प्रभावित करने वाले बायें हाथ के स्पिन गेंदबाज अथर्व की मां बस कंडक्टर हैं और घर में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं. घर में अथर्व का एक छोटा भाई है. अथर्व के पिता का देहांत हो चुका है. अथर्व की मां वैदेही के मुताबिक अथर्व के पिता को भी क्रिकेट का शौक था, अथर्व जब पैदा हुआ तो उसके पिता ने बेटे के हाथ में सबसे पहला खिलौना बैट और बॉल ही पकड़ाया था, लेकिन बेटे को क्रिकेट में एडमिशन कराने के लिए उसके पिता मुंबई के तमाम क्रिकेट क्लब का चक्कर लगाते रहे और जब अथर्व का एडिमिशन एक क्लब हुआ उसी दरमियान अथर्व के पिता का देहांत हो गया.
मां को बेटे को पढ़ाना और क्रिकेट में आगे बढ़ाना बेहद कठिन लगा. पैसे के अभाव से उन्होंने कई बार बेटे अथर्व को क्रिकेट छोड़ने तक के लिए कहा और अपनी मजबूरी बताई, लेकिन बेटे ने हार नही मानी. अथर्व की मां ने बताया कि अथर्व के दोस्त और उसके कोच ने उसकी बहुत मदद की तभी आज वो यहां तक पहुंचा और अब अपने पिता के सपने को सकार कर रहा है.
अथर्व की मां का कहना है कि अथर्व चाहता है मैं कंडेक्टर की नौकरी न करूं, लेकिन मेरा मानना है कि अभी तो बेटे के करियर की शुरूआत है, अभी उसको अपने और कदम जमाने की जरूरत है. अथर्व की मां को उम्मीद है कि उनका बेटा और पूरी टीम वर्ल्ड कप जीतकर जरूर आएगी. अथर्व प्रकाशवाड़ी नामक जिस मुहल्ले में रहता है, वहां उसके नाम के होर्डिंग लगाए गए हैं. उसके दोस्तों को भी पूरा यकीन है कि उनका दोस्त उनका, उनके मोहल्ले का, देश का नाम रोशन करेगा और जीतकर ही भारत लौटेगा.
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