पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर का मानना ​​है कि एमएस धोनी, जिन्होंने 2014 के अंत में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, उन्हें उच्चतम स्तर पर विराट कोहली की वृद्धि का ज्यादा से ज्यादा श्रेय दिया जाना चाहिए. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट के बाद धोनी के पद छोड़ने के बाद, विराट इस फॉर्मेट में फुल टाइम कप्तान बन गए. उसी साल कोहली का इंग्लैंड में बेहद शर्मनाक दौरा हुआ.


पांच टेस्ट मैचों में, उन्होंने 13.40 के एवरेज के साथ केवल 134 रन बनाए. लेकिन जैसे-जैसे उनका करियर आगे बढ़ता गया वो टॉप लेवल पर एक बेहतरीन क्रिकेटर साबित होते चले गए. ऐसे में गौतम गंभीर से बातचीत के दौरान वीवीएस लक्ष्मण ने कहा कि उन्होंने कोहली को एक प्रेरित चरित्र पाया जब उन्होंने साल 2011 में टेस्ट डेब्यू किया था.


लक्ष्मण ने आगे बताया कि जब वो ड्रेसिंग रूम में आए तो वहां काफी सीनियर्स थे. इस दौरान वो सबसे ये पूछते थे कि वो अपना खेल और कैसे सुधार सकते हैं. और कैसे अपने टैलेंट को और उभार सकते हैं.


लक्ष्मण ने कहा कि इंग्लैंड के भयावह दौरे के बाद वापसी करना विराट के दृष्टिकोण से अविश्वसनीय था. बाद में 2014 में, ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान, उन्होंने चार मैचों में चार शतकों और एक अर्धशतक के साथ 692 रन बनाए. श्रृंखला में, वह स्टीव स्मिथ के बाद दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी के रूप में जाने गए.


कोहली वर्तमान में वेस्टइंडीज के खिलाफ 2019 जमैका टेस्ट में एक भारतीय कप्तान द्वारा धोनी की सबसे अधिक जीत के बाद, भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं. उन्होंने अपने प्रयासों को दिखाने के लिए 27 टन के साथ 7,240 टेस्ट रन भी बनाए हैं.