ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर माइक हसी उन कम खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने दो सबसे बेहतरीन कप्तानों के साथ क्रिकेट खेला है. जी हां हम बात कर रहे हैं भारतीय पूर्व कप्तान एमएस धोनी और ऑस्ट्रेलियाई पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग. दोनों का करियर ग्राफ और दोनों का खेलने का अंदाज काफी अलग था. लेकिन इन दोनों कप्तानों को माइक हसी ने काफी करीब से देखा है.


पॉन्टिंग और हसी ने एक साथ ऑस्ट्रेलिया के लिए 7 साल तक खेला है. और दोनों ने मिलकर आईसीसी के 3 टूर्नामेंट्स पर भी कब्जा किया है. साल 2007 वर्ल्ड कप, 2006 और 2009 चैंपियंस ट्रॉफी. वहीं हसी ने चेन्नई सुपर किंग्स के साथ भी खेला है जहां वो और धोनी तीन बार आईपीएल खिताब और 9 बार प्लेऑफ में पहुंच चुके हैं.


हसी ने एक यूट्यूब वीडियो में कहा कि, रिकी हर चीज में प्रेरित और प्रतिस्पर्धी दिखाते हैं. वो कई बार टीम रूम में टेबल टेनिस और मारबल्स के साथ गेम खेलते हैं और उनकी उस दौरान भी कोशिश रहती है कि वो उसमें भी जीते. वो फील्डिंग ड्रील के दौरान भी लीड करना चाहते हैं. वो स्टैंडर्ड को हमेशा ऊपर रखते हैं.


अगर दुनिया में कहीं सबसे घटिया नेट्स मिलता है तो वो सबसे पहले जाते हैं और खिलाड़ियों को दिखाते हैं कि आप यहां अभ्यास कर सकते हैं वो हर दौरान आगे से लीड करते हैं.


वहीं धोनी काफी शांत हैं और वो हर चीज को गिनती के साथ करते हैं. उनके अंदर गेम को पढ़ने की क्षमता रिकी पॉन्टिंग से ज्यादा है. रिकी पॉन्टिंग अच्छा टैक्टिक्स लगाते थे लेकिन धोनी जिस तरह से फील्ड सेट करते थे उसे देखकर मैच भी चौंक जाता था. ऐसे में सोचता था कि ये कैसे हुआ, धोनी के दिमाग में कहां से आय़ा.


हसी ने आगे कहा कि धोनी खिलाड़ियों पर से दबाव को जल्दी हटा लेते थे खासकर युवा खिलाड़ियों पर से. धोनी हमेशा कहते हैं कि मैच में कभी हार मिलती है तो कभी जीत इसलिए आप जाकर हमेशा अपना बेस्ट प्रदर्शन दो.