नई दिल्ली: करीबी टी20 मैचों में हार के दर्द का सामना जितना मुशफिकुर रहीम ने किया है उतना किसी ने नहीं किया और बांग्लादेश का यह पूर्व कप्तान ‘पिछले मुश्किल दो हफ्तों’ को भुलाने के लिए क्रिकेट के मैच जीतने के लिए प्रतिबद्ध था.


बेंगलुरू में 2016 में विश्व टी20 मुकाबले में भारत के खिलाफ बांग्लादेश की एक रन की हार के दौरान टीम में शामिल रहे रहीम ने रविवार को यहां तीन मैचों की श्रृंखला के पहले मैच में नाबाद 60 रन की पारी खेलकर मेहमान टीम को जीत दिलाई जो 149 रन के लक्ष्य का सामना कर रही थी.


भारत पर बांग्लादेश की टी20 में पहली जीत के बाद रहीम ने कहा, ‘‘हमने भारत के खिलाफ काफी करीबी मैच खेले इसलिए हमने स्वयं से वादा किया कि अगली बार हमें खेल में इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ेगा तो हम हारना नहीं चाहेंगे.’’


रहीम ने कहा कि पिछले दो हफ्ते उनके 15 साल के करियर का सबसे मुश्किल समय रहा.


उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश से रवाना होने से पहले मैंने कहा कि अगर हम कुछ मैच जीत लेंगे तो सब कुछ पटरी पर आ सकता है. हमने ऐसा ही किया और हम इस फार्म को जारी रखने का प्रयास करेंगे.’’


रहीम ने कहा, ‘‘हमने भारत के खिलाफ पिछले दो मैचों से काफी कुछ सीखा और अंतिम ओवर तक गए. इस पर चर्चा की कि हम इस स्थिति से कैसे पार पा सकते हैं. मैं रियाद (महमूदुल्लाह) से कह रहा था कि बड़े शाट खेलने की जगह एक और दो रन लेकर मैच जीतते हैं.’’


उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस मैच और इस पूरी श्रृंखला में हमारे पास गंवाने के लिए कुछ नहीं है. इसलिए यह हमें अपनी क्षमता के अनुसार निडर हो कर क्रिकेट खेलने की स्वतंत्रता देता है.’’


रहीम ने इसे बांग्लादेश क्रिकेट के लिए शानदार लम्हा करार दिया.


उन्होंने कहा, ‘‘यह बांग्लादेश के लिए शानदार लम्हा है. इससे पहले हमने टी20 प्रारूप में उनके खिलाफ जीत दर्ज नहीं की थी. हम अपने कुछ अहम खिलाड़ियों के बिना खेल रहे थे लेकिन युवा खिलाड़ी जिस तरह एकजुट होकर खेले और गेंदबाजों ने इस विकेट पर जिस तरह की गेंदबाजी की, वह शानदार था.’’