नई दिल्ली: बैडमिंटन के राष्ट्रीय मुख्य कोच पी गोपीचंद ने रविवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर पीवी सिंधु और साइना नेहवाल की प्रेरणादायक सफलता ने बैडमिंटन को पिछले एक दशक में भारत का सबसे तेजी से लोकप्रिय होने वाला खेल बना दिया है. गोपीचंद ने कहा कि उन्होंने 2004 में हैदराबाद में जब सिंधु, साइना और के श्रीकांत सहित 25 प्रशिक्षुओं को कोचिंग देना शुरू किया था तब किसी ने नहीं सोचा था कि भारत विश्व स्तर के ऐसे खिलाड़ियों को पैदा करेगा.
गोपीचंद एक वेबिनार के दौरान कहा, 'मैं कह सकता हूं कि यह (बैडमिंटन) पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा प्रगति करने वाला खेल है. जब मैंने अपना कोचिंग करियर 2004 में शुरू किया था, तब हैदराबाद में सिर्फ 10 अच्छे कोर्ट थे, लेकिन अब इसकी संख्या 1000 से ज्यादा हैं.'
नेशनल हेड कोच ने आगे कहा कि देश में अब कई अकादमियां शुरु हो गयी हैं. मेरी अकादमी में पंजाब, मिजोरम और यहां तक की विदेशों से बच्चे प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं. एक बच्चे के अभिभावक ने तो हैदराबाद में रहने का मन बना लिया, जिससे प्रशिक्षण में समस्या ना आये. इस खेल में दिलचस्पी काफी बढ़ी हैं.
गोपीचंद ने भारत में बैडमिंटन के भविष्य को बताया उज्ज्वल
बैडमिंटन के भविष्य को उज्ज्वल बताते हुए गोपीचंद ने उम्मीद जताई कि आने वाले सालों में खेल खेलने की लागत में कम हो जाएगी. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भारत से और विश्वस्तरीय खिलाड़ी निकलेंगे. इसके अलावा, सिंथेटिक शटल की शुरूआत के साथ अगले कुछ सालों में शटल की लागत कम होने जा रही है. यह आने वाले सालों में खेल को और अधिक लोकप्रिय बनाएगा.
गोपीचंद ने आगे कहा कि 1980 में प्रकाश प्रदुकोण का ऑल इंग्लैंड खिताब भारतीय बैडमिंटन के निर्णायक क्षणों में से एक था. उन्होंने 2001 में ऑल इंग्लैंड चैम्पियपन बनने को अपनी सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि बताया. इस 46 साल के कोच ने खिलाड़ियों से कोविड-19 से जुड़ी अनुशासन के पालन करने को कहा. उन्होंने कहा कि हम जून, जुलाई और अगस्त (खेल को फिर से शुरू करने के लिए) के बारे में सोच रहे थे और अब लोग सितंबर के बारे में सोच रहे हैं. कोई नहीं जानता कि खेल कब शुरू होगा. जरूरी बात यह है कि खेल फिर से शुरू होने पर खिलाड़ियों को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होना होगा.
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