नई दिल्ली: हरियाणा की उभरती हुई युवा पहलवान 18 वर्षीय सोनम मलिक ने शनिवार को आगरा में आयोजित महिला राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप के 62 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में भारी उलटफेर करते हुए 2016 के रीयो ओलिंपिक खेलों की कांस्य पदक विजेता साक्षी मालिक को 7-5 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. सोनम की साक्षी पर यह लगातार तीसरी जीत है. इससे पहले सोनम ने पिछले साल जनवरी में एशियाई चैंपियनशिप के ट्रायल और फरवरी में एशियाई ओलिंपिक क्वॉलिफायर में साक्षी को हराया था.
कुश्ती छोड़ने की भी आई थी नौबत
सोनम की ये जीत कई मायनों में बेहद खास है. दरअसल 2017 में वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप जीतने के बाद सोनम को दाएं हाथ में कुछ परेशानी महसूस हुई थी. लेकिन आने वाले मुकाबले देखते हुए सोनम और उनके कोच ने इसे नजरंदाज कर दिया. सोनम के पिता राजेंद्र मलिक ने बताया, "2018 में स्टेट चैंपियनशिप के दौरान सोनम के हाथ में लकवा मार गया जिसके चलते उसे ये टूर्नामेंट बीच में ही छोड़ना पड़ा था. सोनम छह माह बेड रेस्ट पर रहीं यहां तक की डॉक्टरों ने भी हार मान ली थी लेकिन सोनम डटी रहीं." कुछ समय पहले तक जिस हाथ के चलते सोनम पर कुश्ती छोड़ने का खतरा मंडरा रहा था, मुकाबले के बाद जब रेफरी ने उनको विजयी घोषित करते हुए वो हाथ उठाया तो सोनम और उनके कोच के लिए ये बहुत ही भावुक पल बन गया.
टोक्यो ओलम्पिक्स के लिए दावेदारी मजबूत
साक्षी मलिक पर इस जीत के साथ ही सोनम ने इस साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक्स के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है. सोनम और साक्षी 62 किलोग्राम वर्ग में भारत की ओर से ओलम्पिक के टिकट की दावेदार हैं. दोनों मार्च में होने वाले ओलम्पिक ट्रायल में एक बार फिर आमने सामने होंगी.
सुशील कुमार को मानती है अपना आदर्श
सोनम दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार को अपना आदर्श मानती है.
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