साल 2003 फाइनल हार को याद करते हुए जवागल श्रीनाथ ने कहा- हमें अपनी क्षमता से दोगुना खेलना था
ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 2 विकेट खोकर विशाल स्कोर यानी की 359 रन बना दिया. भारत का पेस अटैक जिसमें जहीर खान, श्रीनाथ और आशीष नेहरा थे तीनों ने मिलकर कुल 211 रन खाए.
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ के लिए, जोहान्सबर्ग में 2003 विश्व कप का फाइनल उनके करियर के लिए एकदम फाइनल प्रदर्शन हो सकता था। भारत को ऑस्ट्रेलिया के साथ फाइनल में ले जाने के बाद, श्रीनाथ अपने 13 साल के लंबे करियर का सही अंतिम अध्याय लिख सकते थे. लेकिन इसके बजाय ये सपना अधूरा ही रह गया क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में भारत को 125 रनों से मात दे दी थी.
ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 2 विकेट खोकर विशाल स्कोर यानी की 359 रन बना दिया. भारत का पेस अटैक जिसमें जहीर खान, श्रीनाथ और आशीष नेहरा थे तीनों ने मिलकर कुल 211 रन खाए. श्रीनाथ को उनके 10 ओवर में 87 रन पड़े जहां उन्हें एक भी विकेट हासिल नहीं हुआ. ऐसे में श्रीनाथ के लिए ये मैच अपने करियर को खत्म करने का सबसे बेहतरीन मौका साबित हो सकता था.
श्रीनाथ ने कहा कि उनकी टीम साल 2003 का वर्ल्ड कप जीत लेती लेकिन टीम दुनिया की सबसे बेस्ट टीम के खिलाफ खेल रही थी. वो टीम खतरनाक थी और हम उसके करीब भी नहीं पुहंच पाए. हम फाइनल हार गए और मैं कुछ नहीं कर पाया. अगर हम वो फाइनल जीत जाते तो मेरे करियर में एक पंख लग जाता. लेकिन अगर आप ये सोचें की आपको जिंदगी में सबकुछ मिलेगा तो ये मुमकिन नहीं है.
मैच के बाद हमने आपस में बात की, क्या हमें पहले बल्लेबाजी करनी चाहिए थी? लेकिन वो कुछ ऐसी बातें हैं जो आपको मैच के बाद ही याद आती है या फिर जिनके बारे में आप मैच के बाद ही सोचते हैं. ठीक इसी टीम ने इससे पहले भी वर्ल्ड कप जीता था. ऐसे में हमें उस मैच में अपनी क्षमता से दोगुना बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत थी.