Nikhat Zareen vs Mary Kom: जब वर्ल्ड चैंपियन निकहत के लिए मैरी कॉम ने कहा था- 'कौन है वो, मैं नहीं जानती'
Indian Women Boxers: भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन और एमसी मैरी कॉम के बीच टोक्यो ओलंपिक 2020 में क्वालीफाई करने को लेकर टकराव हुआ था.
Nikhat Zareen: भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन ने हाल ही में महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में गोल्ड जीता है. ऐसा करने वाली वह महज पांचवीं भारतीय महिला हैं. निकहत की इस उपलब्धि पर पिछले कुछ दिनों से अखबारों से लेकर टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर वह छाई हुई हैं. उनके यह चर्चे सिर्फ इसलिए नहीं क्योंकि वह वर्ल्ड चैंपियन बनी हैं, यह चर्चे इसलिए भी हैं क्योंकि महिलाओं को पर्दे में रखने वाले समाज से निकलना और फिर लंबी मेहनत और संघर्ष के बाद अन्य बॉक्सर्स से बेहतर होने के बावजूद बड़े टूर्नामेंट में मौका नहीं मिलने तक उनका यह सफर इतना आसान नहीं रहा है. अपने इस सफर में वह बॉक्सिंग फेडरेशन के फैसलों के खिलाफ भी गईं हैं और अपने पसंदीदा बॉक्सर से भी उनका टकराव हुआ है.
तेलंगाना के निजामाबाद की रहने वाली 25 साल की मुक्केबाज निकहत को बॉक्सिग का शौक उनके पिता मोहम्मद जमील से मिला. जमील भी बॉक्सिंग करते थे. मोहम्मद जमील ही अपने बेटी को बचपन में बॉक्सिंग रिंग में ले जाया करते थे. निकहत भी दमदारी के साथ विपक्षी मुक्केबाजों पर पंच बरसाया करती थी. 14 साल की उम्र में उन्हें बॉक्सिंग में पहली बड़ी सफलता मिली. उन्होंने जूनियर बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन का खिताब जीता था. इसके बाद वह और मेहनत करती गईं और सीनियर लेवल पर खेलते हुए 2019 में उन्होंने स्ट्रैंजा मेमोरियल खिताब अपने नाम किया.
इस खिताब के बाद निकहत का आत्मविश्वास मजबूत हुआ और वह वर्ल्ड चैंपियनशिप और टोक्यो ओलंपिक में जाने का सपना देखने लगी. हालांकि बॉक्सिंग फेडरेशन के फैसले इसमें रूकावट बनने लगे. अगस्त 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में बॉक्सरों को भेजने के लिए ट्रायल हो रहे थे. निकहत 51 किग्रा कैटगरी के लिए दौड़ में शामिल थीं, मैरी कॉम भी इसी कैटगरी में थी. ऐसे में फेडरेशन ने इस कैटेगरी के ट्रायल रद्द करते हुए मैरी कॉम को सीधे एंट्री दे दी थी. अधिकारियों का तर्क था कि मैरी कॉम को कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है और उनके जीतने की संभावना ज्यादा है. यहां निकहत ने बॉक्सिंग फेडरेशन से ट्रायल की मांग की लेकिन उनकी इस मांग को अनदेखा कर दिया गया.
वर्ल्ड चैंपियनशिप 2019 में मैरी कॉम को ब्रॉन्ज मिला था. इसके बाद बॉक्सिंग फेडरेशन ने ऐलान किया कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक लाने वाले बॉक्सरों को टोक्यो ओलंपिक में सीधे एंट्री मिलेगी. इसका मतलब यह था कि टोक्यो ओलंपिक में भी फेडरेशन मैरी कॉम को भेजने की तैयारी में था. निकहत ने इसके खिलाफ आवाज उठाई. जब उनकी आवाज नहीं सुनी गई तो उन्होंने सीधे खेल मंत्री किरण रिजीजू को खत लिखकर ट्रायल की मांग की. जब यह विवाद बढ़ा और मैरी कॉम से निकहत के बारे में सवाल किया गया तो मैरी कॉम का जवाब था, 'कौन है वो, मैं नहीं जानती'
आखिरी में बॉक्सिंग फेडरेशन को यह ट्रायल कराने पड़े और इसमें निकहत को मैरी कॉम से हार का सामना करना पड़ा. दोनों के बीच मनमुटाव इतना बढ़ गया था कि इन दोनों बॉक्सर ने इस ट्रायल मैच के बाद हाथ तक नहीं मिलाए, जबकि इस विवाद से पहले तक निकहत के लिए मैरी कॉम ही बॉक्सिंग आइडल हुआ करती थी.
बहरहाल, इन सब विवादों से उठकर निकहत ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीत लिया है. वह इस उपलब्धि से बेहद खुश भी हैं. अब वह पेरिस में होने वाले ओलंपिक की तैयारी में भिड़ गई हैं.
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