नई दिल्ली: साल 2018 से टीम इंडिया अब तक 54 वनडे मैच खेल चुकी है जहां उमेश यादव सिर्फ 4 मैचों में ही टीम का हिस्सा बन पाए. वहीं टेस्ट क्रिकेट के 24 मैचों में उमेश यादव सिर्फ 10 मैच ही खेल पाए. ऐसे में उमेश यादव को भी लगता है कि उनका करियर स्थिर नहीं रहा और वो वनडे क्रिकेट में भी कमाल कर सकते थे.


32 साल के इस क्रिकेटर ने कहा कि लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ भारतीय पिचों पर ही कमाल करता हूं लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि मैं दूसरे कंडीशन और वनडे क्रिकेट में भी कमाल का प्रदर्शन कर सकता हूं. उन्होंने आगे कहा कि, मुझे आज तक समझ नहीं आया कि वाइट और लाल गेंद क्या है. असली टैलेंट तो आपकी गेंदबाजी में छिपी है. जाहिर सी बात है लेंथ अलग होते हैं लेकिन अगर मुझे एक वनडे सीरीज मिलती है तो मैं अपने आप को जरूर साबित करूंगा.


यादव ने आगे कहा कि मुझे वनडे में सेलेक्टर्स ज्यादा इस्तेमाल नहीं कर पाए. मुझे बस बीच में एक दो मैच मिले और इसके बाद फिर 6 महीने के लिए बिठा दिया. ऐसे में आप अपना करियर स्थिर नहीं रख सकते. मैंने साल 2015 वर्ल्ड कप में अच्छा किया लेकिन फिर भी ऐसा हुआ.


उमेश यादव ने दूसरे गेंदबाजों को लेकर भी कहा कि आप इशांत, शमी और बुमराह से शिकायत नहीं कर सकते. क्योंकि तीनों बेहतरीन कॉम्बिनेशन के साथ गेंदबाजी कर रहे हैं तो वहीं तीनों को काफी ज्यादा अनुभव भी है.


उमेश ने आगे कहा कि अगर आप 6 महीन बाद मैदान पर वापसी करते हैं तो आपके लिए ये बेहद मुश्किल होता है. क्योंकि आपको हर पहलू पर काम करना होगा है. ऐसे में आपने देखा होगा कि जब मुझे टेस्ट में मौका मिला है मैंने बेहतरीन गेंदबाजी की है.