(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Norway Chess: शतरंज में भाई-बहन का जलवा! Vaishali R. टूर्नामेंट में रही टॉप पर, तो R. Praggnanandhaa ने वर्ल्ड चैंपियन को दी शिकस्त
Norway Chess 2024: शतरंज में भाई-बहन की जोड़ी ने इतिहास रच दिया है. आर. प्रगानंनधा ने विश्व चैंपियन कार्लसन को हराया तो बहन वैशाली आर. दूसरे राउंड में ही हंपी कोनेरू को हराने में सफल रहीं.
R. Praggnanandhaa & Vaishali R.: वैशाली और प्रगानंनधा शतरंज की दुनिया में एक अनोखी जोड़ी बन गए हैं. ये दोनों ही भाई-बहन ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल करने वाले पहले भाई-बहन हैं. साथ ही कैंडीडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर चुके हैं. इस साल वैशाली को अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर पहले महिला नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में बुलावा आया गया है. वहीं प्रगानंनधा भी अपना पहला नॉर्वे शतरंज खेल रहे हैं.
आर. प्रगानंनधा ने वर्ल्ड चैंपियन को दी शिकस्त
18 वर्षीय प्रगानंनधा ने वाइट पीस लेकर वर्ल्ड चैंपियन कार्लसन को मात दी है. इस जीत के साथ वह 5.5 अंकों के साथ टूर्नामेंट में अकेले टॉप पर पहुंच गए हैं. गौरतलब है कि कार्लसन और प्रगानंनधा इससे पहले तीन बार इस फॉर्मेट में भिड़ चुके थे, जिनमें से दो मुकाबले ड्रॉ रहे थे, जिसमें से 2023 वर्ल्ड कप फाइनल भी शामिल है.
बुधवार रात को खेले गए इस मुकाबले में प्रगानंनधा ने कार्लसन के आक्रामक लेकिन जोखिम भरे खेल का फायदा उठाया. कार्लसन ने कभी भी किलेबंदी नहीं की और आखिरकार हार गए. क्योंकि उनका किंग सुरक्षित ठिकाना नहीं ढूंढ पाया.
After three rounds at the Norway Chess 2024, the brother sister duo have taken pole position! It's still a long way to go in the tournament with 7 rounds to be played. But Pragg and Vaishali are proving surely and steadily that they are the absolute best in the world of chess.… pic.twitter.com/L0oK7KdLlV
— ChessBase India (@ChessbaseIndia) May 30, 2024
बहन वैशाली आर. भी रही टॉप पर
तीसरे राउंड के बाद प्रगानंनधा की बहन वैशाली टॉप पर आ गई थीं. उनका पॉइंट 5.5 था. वैशाली ने दूसरे दौर में हम्पी कोनेरु के खिलाफ अपनी पहली क्लासिकल जीत हासिल की. तीसरे दौर के बाद ये अद्भुत जोड़ी दोनों ही टूर्नामेंट में लीड कर रही है.
प्रगानंनधा के नाम है ये उपलब्धि
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रगानंनधा केवल 10 साल की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बन गए थे, जो उस समय सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे. 12 साल की उम्र में वह ग्रैंडमास्टर बन गए थे, जो उस समय दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे. दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने उन्हें मार्गदर्शन दिया है. प्रगानंनधा सिर्फ शतरंज में ही नहीं बल्कि क्रिकेट में भी प्रतिभाशाली हैं. उन्हें जब भी समय मिलता है, वह क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं.
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