ओलंपिक मेडलिस्ट Sakshi Malik ने बताया कैसे रहे संघर्ष से भरे दो साल, अब कॉमनवेल्थ में मेडल जीतने का है पक्का भरोसा
Commonwealth Games: बर्मिंघम में 28 जुलाई से कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू हो रहे हैं. साक्षी मलिक यहां 63 किग्रा कैटेगरी में कुश्ती लड़ते नजर आएंगी.
Sakshi Malik: ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने बताया है कि उनके लिए पिछले दो साल बेहद संघर्ष भरे रहे लेकिन हाल ही में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल्स से उन्हें अपना आत्मविश्वास और लय हासिल करने में बड़ी मदद मिली. टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने वाली साक्षी ने इस बार कॉमनवेल्थ में अपनी जगह पक्की करने में सफल रही हैं. अब उन्हें 28 जुलाई से शुरू हो रहे इन खेलों में मेडल जीतने का पूरा भरोसा है.
29 वर्षीय साक्षी ने कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए हुए ट्रायल में 20 वर्षीय सोनम मलिक को हराया था. उन्हें सोनम से जीतने में 5 राउंड लगे थे. अब वह कॉमनवेल्थ की महिला कुश्ती के 62 किग्रा भारवर्ग में अपना दम दिखाएंगी. साक्षी कहती हैं, "मैं पिछले दो साल से संघर्ष कर रही हूं. अब जब मैंने कॉमनवेल्थ के लिए ट्रायल्स जीता तो मुझे बहुत राहत मिली. मैं यह नहीं बता सकती कि पिछला वक्त मेरे लिए कितना कठिन रहा. लगातार मुकाबले हारने से मैं बहुत बुरा महसूस करती थी. मैं अपनी समस्याओं के बारे में अपने पति से ही बात करती थी. उन्होंने मेरा बहुत सपोर्ट किया."
साक्षी कहती हैं, 'मैं कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं. मैं वहां पदक जीतना चाहती हूं और अपने देश को गौरवान्वित करना चाहती हूं. मुझे हमेशा अपने देश के नागरिकों से बहुत सपोर्ट मिला है और बदले में मैं भी उन्हें कुछ देना चाहती हूं. मैं बर्मिंघम में अपने प्रदर्शन से उन्हें खुश होने का मौका दूंगी.'
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में ऐसी ही महिला पहलवानों की टीम
पूजा गहलोत (50 किग्रा), विनेश फोगाट (53 किग्रा), अंशु मलिक (57 किग्रा), साक्षी मलिक (62 किग्रा), दिव्या काकरन (68 किग्रा) और पूजा सिहाग (76 किग्रा).
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