ओलंपिक क्वालीफायर: मेरीकॉम ने निकहत जरीन को हराया, रिंग के बाहर दोनों मुक्केबाजों के बीच हुई बहस
मुकाबले के बाद एम सी मेरीकॉम और निकहत जरीन ने हाथ नहीं मिलाये. यही नहीं जरीन ने गले लगाने की कोशिश की लेकिन मेरीकॉम ने ऐसा नहीं किया. इसके बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खेल में इसे पकड़ना बोला जाता है. ’’
नई दिल्ली: छह बार की विश्व चैम्पियन एम सी मेरीकॉम (51 किग्रा) ने निकहत जरीन को 9-1 से हराकर चीन में अगले साल होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर के लिये भारतीय टीम में जगह बनायी. अब ओलंपिक क्वालीफायर चीन में तीन से 14 फरवरी तक कराये जायेंगे.
आज के मुकाबले में 36 साल की मेरीकॉम ने बहुत दमदार मुक्के जमाकर स्पष्ट अंक हासिल किये और टीम में जगह सुनिश्चित की लेकिन बाक्सिंग हॉल के अंदर माहौल तनावपूर्ण रहा क्योंकि जरीन (23 साल) ने ट्रायल की सार्वजनिक मांग कर विवाद खड़ा कर दिया था.
मुकाबले के दौरान और रिंग के बाहर दोनों मुक्केबाजों के बीच बहस भी हुई. जब नतीजा घोषित किया गया तो जरीन के घरेलू राज्य तेलंगाना मुक्केबाजी संघ के कुछ प्रतिनिधि इसका विरोध करने लगे. मेरीकॉम ने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘मैं थोड़ी नाराज थी. इसमें कोई शक नहीं. लेकिन अब सबकुछ हो गया. मैं आगे बढ़ गयी. मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगी कि बोलने से पहले प्रदर्शन करो, इससे पहले नहीं. आप रिंग में जो करते हो, उसे हर कोई देख सकता है. ’’
मुकाबले के बाद दोनों ने हाथ भी नहीं मिलाये और जरीन ने गले लगाने की कोशिश की लेकिन मेरीकॉम ने ऐसा नहीं किया. इसके बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खेल में इसे पकड़ना बोला जाता है. ’’
मेरीकॉम ने कहा, ‘‘मैंने यह विवाद खड़ा नहीं किया. मैंने ऐसा कभी नहीं कहा कि मैं ट्रायल के लिये नहीं आऊंगी. इसलिये मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती जब कोई आरोप लगायेगा कि यह मेरी गलती थी. यह मेरी गलती नहीं थी और मेरा नाम इसमें नहीं घसीटा जाना चाहिए. ’’
जरीन ने कहा, ‘‘उन्होंने जैसा बर्ताव किया, उससे मैं आहत हूं. उन्होंने रिंग के अंदर भी कुछ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, लेकिन ठीक है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जूनियर हूं, मुकाबला खत्म होने के बाद अगर वह गले लग जाती तो यह अच्छा होता. लेकिन मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती. ’’
तेलंगाना मुक्केबाजी संघ के प्रतिनिधित्व कर रहे एपी रेड्डी ने इस फैसले का जोरदार विरोध किया. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने बीच में आकर हालात नियंत्रित किये. अजय सिंह ने उन्हें रिंग के पास से हटने को कहा और निराश जरीन ने खुद उन्हें शांत किया. रेड्डी ने बाद में पत्रकारों से कहा, ‘‘इस तरह की राजनीति में मुक्केबाजी आगे कैसे बढ़ेगी. ’’
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अजय सिंह ने कहा, ‘‘मेरीकॉम के बारे में कोई क्या कह सकता है, यह हमेशा ही कम होगा. वह प्रतिशाशाली मुक्केबाज हैं. जहां तक निकहत की बात है तो वह भविष्य के लिये अच्छी उम्मीद है और उन्होंने इस मुकाबले में भी प्रभावित किया. ’’ अन्य नतीजों में दो बार की विश्व रजत पदक विजेता सोनिया लाठेर (57 किग्रा) को साक्षी चौधरी ने शिकस्त दी. एशियाई पदकधारी लाठेर चौधरी के तेज तर्रार आक्रमण के सामने नहीं टिक सकीं.
वहीं 60 किग्रा वर्ग में पूर्व विश्व चैम्पियन एल सरिता देवी राष्ट्रीय चैम्पियन सिमरनजीत कौर से पराजित हो गयीं. इस मुकाबले में भी चपलता अहम रही जिससे सिमरनजीत ने सरिता को तेज मुक्कों से पस्त किया. विश्व चैम्पियनशिप में दो बार की कांस्य पदकधारी लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) ने ललीता को हराकर टीम में जगह बनायी. एशियाई खेलों की पूर्व कांस्य पदक विजेता पूजा रानी ने नुपुर को हराकर 75 किग्रा वर्ग का स्थान हासिल किया.
भारतीय टीम इस प्रकार है. एमसी मेरीकॉम (51 किग्रा), साक्षी चौधरी (57 किग्रा), सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) और पूजा रानी (75 किग्रा).