Tokyo Olympics: पिछले एक साल से भी अधिक समय से दुनिया को अपनी गिरफ्त में लेने वाली कोविड-19 महामारी के भय को पीछे छोड़ते हुए 32वें ओलंपिक खेलों की एक साल की लंबी प्रतीक्षा के बाद शुक्रवार को टोक्यो में रंगारंग उद्घाटन समारोह के साथ शुरुआत हो गई. इसमें जापानी संस्कृति और प्रौद्योगिकी की झलक देखने को मिली.


जापान के सम्राट नारूहितो ने अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थामस बाक, आयोजन समिति की प्रमुख सीको हाशिमोतो, कई अन्य हस्तियों और 205 देशों के खिलाड़ियों की मौजूदगी में खेलों के शुरुआत की घोषणा की. इससे एक महीने पहले ही उन्होंने ओलंपिक के दौरान कोरोना वायरस फैलने को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा, ‘मैं आधुनिक युग के 32वें ओलंपिक खेलों का जश्न मनाते हुए टोक्यो खेलों की शुरुआत की घोषणा करता हूं.'


दर्शकों के बिना आयोजित किए जा रहे ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भी भावनाओं का ज्वार उमड़ता दिखा और ऐसे में ‘भावनाओं से एकजुट’ की इसकी विषय वस्तु भी कार्यक्रम के अनुकूल रही. टोक्यो में जब रात घिर आई थी, तब यहां का ओलंपिक स्टेडियम दमक रहा था, जिससे उठी नई उम्मीद की धमक पूरे विश्व में सुनाई दे रही थी.


खेलों की एकजुट करने की क्षमता


बाक ने अपने उद्घाटन भाषण में खेलों की एकजुट करने की क्षमता का उल्लेख किया और साथ ही महामारी के बीच खेलों का आयोजन करने के लिए जापान का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, ‘आज उम्मीद का पल है. आइए हम इस पल को संजोएं, क्योंकि आखिरकार हम एक साथ यहां हैं. कुल 205 राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों और आईओसी शरणार्थी ओलंपिक टीम के एथलीट, ओलंपिक गांव में एक साथ एक छत के नीचे रह रहे हैं. यह खेल की एकजुट करने की शक्ति है.’


महामारी के कारण सभी देशों के कम खिलाड़ियों ने मार्च पास्ट में हिस्सा लिया. कुछ खिलाड़ियों के अगले दिन प्रतियोगिताएं होने और बीमारी के संक्रमण से बचने के लिए समारोह में भाग नहीं लिया. ओलंपिक मार्च पास्ट की शुरुआत हमेशा की तरह यूनान से हुई जहां पहले ओलंपिक खेल हुए थे. सभी टीमों के खिलाड़ी अपनी पांरपरिक वेषभूषा में दिखे और उन्होंने कुछ लोकप्रिय वीडियो गेम के संगीत पर स्टेडियम में प्रवेश किया.


इस नंबर पर आया भारत


मेजबान जापान का दल सबसे आखिर में स्टेडियम में पहुंचा जिसके बाद आतिशबाजी का एक और दौर देखने को मिला. भारत 25वीं बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रहा है और इस बार उसने अपना सबसे बड़ा दल उतारा है. भारतीय दल जापानी वर्णमाला के अनुसार 21वें नंबर पर आया. पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और छह बार की विश्व चैंपियन एम सी मैरीकॉम के हाथों में तिरंगा लहरा रहा था और उनके साथ भारत के अन्य खिलाड़ियों और छह अधिकारियों के चेहरे पर मुस्कान और जोश दिख रहा था.


भारत के 127 खिलाड़ियों सहित 228 सदस्यीय दल ओलंपिक में भाग ले रहा है लेकिन इनमें से केवल 20 खिलाड़ियों को उद्घाटन समारोह में भाग लिया. जब उद्घाटन समारोह चल रहा था उस समय भी स्टेडियम के बाहर प्रदर्शनकारी ओलंपिक आयोजन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. पुलिस को उन्हें हटाने के लिए कार्रवाई करनी पड़ी.


दूसरी बार मेजबानी


टोक्यो दूसरी बार ओलंपिक की मेजबानी कर रहा है. इससे पहले उसने 1964 में ओलंपिक का सफल आयोजन किया था लेकिन उद्घाटन समारोह में शुरू में उस दिन को याद किया गया जब 2013 में उसने मेजबानी हासिल की थी. समारोह की शुरुआत टोक्यो 2020 के प्रतीक को प्रदर्शित करने के लिए 20 सेकेंड तक नीली और सफेद रंग की आतिशबाजी के साथ की गई, जिसे जापानी संस्कृति में शुभ माना जाता है.


समारोह में विविधता में एकता, शांति और एकजुटता पर विशेष ध्यान दिया गया. स्वस्थ रहना है तो अच्छी फिटनेस आवश्यक है का संदेश देता नृत्य आकर्षक था. ट्रेडमिल पर दौड़ती अकेली महिला अरिसा सुबाता संदेश दे रही थी. खिलाड़ियों ने महामारी के दौरान भले ही अकेले अभ्यास किया लेकिन वे रुके नहीं, वे हारे नहीं. सुबाता नर्स भी हैं और मुक्केबाज भी.


चिकित्साकर्मियों का योगदान


जापान के सम्राट नारूहितो और बाक एक साथ स्टेडियम में पहुंचे. इसके बाद स्टेडियम में जापान का ध्वज फहराया गया. जापान का ध्वज लेकर चलने वालों में एक स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल था और इस तरह से महामारी के दौरान चिकित्साकर्मियों के योगदान को सराहा गया. उद्घाटन समारोह के दौरान उन लोगों और पूर्व ओलंपियनों को भी याद किया गया जिन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण जान गंवायी. इस दौरान म्यूनिख 1972 ओलंपिक में आतंकवादी हमले में मारे गए इजरायली खिलाड़ियों, 2011 के भूकंप और सुनामी में मारे गए लोगों का भी उल्लेख किया गया. इन सभी की याद में एक मिनट का मौन रखा गया. जापान की प्रसिद्ध गायिका मिसिया ने राष्ट्रगान गाया.


ओलंपिक के पांच चक्र भी रंगारंग कार्यक्रम के बीच स्टेडियम में लाए गए. इन रिंग को उन पेड़ों से तैयार किया गया है जिन्हें ओलंपिक 1964 के दौरान जापान के खिलाड़ियों ने लगाया था. खेलों में योगदान देने के लिए आईओसी ने बांग्लादेश के नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को ‘द ओलंपिक लॉरेल’ से सम्मानित किया. ओलंपिक में पहली बार खिलाड़ियों, जजों और प्रशिक्षकों की तरफ से एक पुरुष और एक महिला ने शपथ ली. खिलाड़ियों की तरफ से यामागाता रियोता (एथलेटिक्स) और इशिकावा कासुमी (टेबल टेनिस) ने शपथ ली.


टोक्यो 2020 का प्रतीक चिन्ह बनाने के लिए 1824 ड्रोन का उपयोग किया गया था जो आकर्षक था. उद्घाटन समारोह में दर्शकों को आने की अनुमति नहीं देने का फैसला कई सप्ताह पहले किया था. इसको देखने के लिए स्टेडियम में 1000 हस्तियां ही उपस्थित थी जिसमें अमेरिका की पहली महिला जिल बाइडेन भी शामिल हैं. समारोह का आकर्षण निश्चित तौर पर 205 देशों और शरणार्थी टीम के खिलाड़ी थे जो पिछले एक साल से महामारी और आशंकाओं के बीच अपनी तैयारियां कर रहे थे.


पहली बार उदघाटन समारोह में केवल 10,400 लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें लगभग 6000 खिलाड़ी और टीम अधिकारी शामिल थे. खेलों से जुड़े लोग और विशेष अतिथियों की संख्या लगभग 900 के करीब थी जबकि बाकी संख्या प्रसारण और मीडियाकर्मियों की थी.


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