Paris Olympics 2024: हम अभी तक सिर्फ यही जानते आए थे कि ओलंपिक खेलों की शुरुआत 1896 में हुई, जिसका आयोजन ग्रीस में हुआ था. मगर अक्सर एक सवाल दिमाग में आता है कि आखिर ओलंपिक्स को क्यों शुरू किया गया था? हालांकि आज तक कोई इसका स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया है, लेकिन मान्यता है कि ग्रीक पौराणिक कथाओं में मौजूद 'गॉड ऑफ थंडर' द्वारा माउंट ओलिंपस को फतह करने के बाद ओलंपिक खेलों को शुरुआती रूप दिया गया था. बताया जाता है कि प्राचीन ओलंपिक खेलों में लोग नग्न अवस्था में खेल खेला करते थे.
नग्न अवस्था में खेलते थे एथलीट?
ऐसा माना जाता है कि प्राचीन ओलंपिक खेलों में पुरुष एथलीट एक लंगोट बांध कर किसी खेल में भाग लिया करते थे. मगर एक बार भागते समय एक एथलीट का लंगोट खुल कर नीचे गिर गया था, जिससे प्रेरणा लेकर अन्य एथलीटों ने भी नग्न अवस्था में भागना शुरू कर दिया था. ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार उन दिनों लोग बहुत ताकतवर हुआ करते थे, इसलिए अपनी मसल्स और ताकत का प्रदर्शन करने के लिए एथलीट अपने शरीर खूब सारा तेल मसलने के बाद खेलों में भाग लेते थे.
एथेन के एक तत्वज्ञानी प्लाटो द्वारा बनाए गए कुछ चित्र भी हैं, जो पांचवीं सदी से संबंध रखते हैं. ये चित्र सबूत हैं कि प्राचीन ओलंपिक खेलों में पुरुष एथलीट ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धाओं में नंगे होकर भागा करते थे. डिसकस थ्रो, कुश्ती, बॉक्सिंग और घोड़ों की रेस में भी एथलीट नग्न ही हुआ करते थे.
नग्न होकर खेलने के पीछे राजनीति से जुड़ा पहलू
दरअसल ग्रीक एथलीट द्वारा नग्न होकर खेलों में भाग लेने के पीछे एक राजनीति से जुड़ा पहलू भी बार-बार उछलता रहा है. एक पहलू यह है कि ग्रीक एथलीट ताकत, आत्मविश्वास और दबदबा दिखाने के लिए नग्न होकर खेलते थे, लेकिन एक दूसरा पहलू यह है कि वे अपने विरोध में रहने वाले पर्शिया के एथलीटों से खुद को बेहतर दिखाना चाहते थे. पर्शिया के एथलीट, जो अपना शरीर दिखाने से परहेज करते थे.
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