Tapsee Pannu on Imane Khelif Gender Controversy Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक्स 2024 के दौरान एक अल्जीरियाई महिला बॉक्सर जेंडर विवाद में घिर गई थी. इमान खलीफ नाम की बॉक्सर को पहले भी टेस्टोस्टेरोन लेवल ज्यादा पाए जाने पर अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने से वंचित रखा जा चुका है. मगर ओलंपिक खेलों के दौरान खलीफ के लिए सोशल मीडिया पर अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया गया. खैर अब इस मामले में बॉलीवुड एक्सट्रेस तापसी पन्नू भी कूद पड़ी हैं.
एएनआई से बातचीत करते हुए तापसी पन्नू ने इस विषय पर प्रकाश डाला और बताया कि उन्होंने 'रश्मी रॉकेट' फिल्म की थी. उस मूवी में भी एक महिला एथलीट का जेंडर टेस्ट करवाया जाता है. उन्होंने कहा, "मैंने इसी विषय पर एक फिल्म की थी. रश्मी रॉकेट में एक फीमेल एथलीट को टेस्टोस्टीरोन लेवल ज्यादा पाए जाने पर बैन कर दिया जाता है." उस फिल्म में युवा महिला धावक का जेंडर वेरिफिकेशन टेस्ट के बाद जीवन उलट-पलट हो जाता है.
यह सब एथलीट के हाथों में नहीं होता
तापसी पन्नू ने बताया कि उनकी फिल्म का आधार वो नियम थे, जिनमें ज्यादा टेस्टोस्टीरोन लेवल पाए जाने के कारण एथलीटों को डिसक्वालीफाई कर दिया जाता है. इस विषय पर तापसी का कहना है कि किसी व्यक्ति के हार्मोन कैसे हैं, इस पर उसका कोई नियंत्रण नहीं होता. रश्मी रॉकेट में यही मुद्दा उठाया गया कि कुछ एथलीट जन्म से ही अन्य लोगों से ज्यादा ताकत के साथ पैदा होते हैं.
उसेन बोल्ट को भी करो डिसक्वालीफाई
बॉलीवुड की इस अदाकारा ने उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि उसेन बोल्ट और माइकल फेल्प्स जैसे एथलीट बायोलॉजिकल आधार पर जन्म से ही दूसरों से बेहतर रहे हैं, तो उन्हें बैन क्यों नहीं किया जाता? स्पष्ट शब्दों में कहें तो तापसी ने यह राय सामने रखी है कि इंजेक्शन या किसी तरह के ड्रग्स लेना उचित नहीं है. ऐसी स्थिति में किसी भी एथलीट पर प्रतिबंध लगना चाहिए. मगर उनके अनुसार जिस चीज पर किसी का नियंत्रण ना हो, उसके लिए उन्हें डिसक्वालीफाई क्यों किया जाता है.
यह भी पढ़ें: