Paris Olympics 2024: केवल 2 हफ्तों बाद ही पेरिस ओलंपिक्स शुरू हो रहे हैं, जिनमें दुनिया के 10 हजार से भी ज्यादा एथलीट भाग ले रहे होंगे. मगर एक बड़ा सवाल यह है कि आखिर ये 10 हजार एथलीट यहां तक कैसे पहुंचे हैं और क्वालीफाई करने के लिए उन्हें क्या करना होता है. तो चलिए जानते हैं, यदि कोई एथलीट इन खेलों में भाग लेना चाहता है तो उसका ओलंपिक में चयन कैसे हो सकता है? यह जान लीजिए कि मेजबान देश ओलंपिक में हो रहे सभी खेलों के लिए सीधे तौर पर क्वालीफाई कर लेता है.
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ करता है प्रक्रिया की शुरुआत
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ (IOC) के अंतर्गत मौजूदा समय में 206 राष्ट्रीय ओंपिक समितियां आती हैं. इन खेलों की चयन प्रक्रिया ऐसे शुरू होती है कि आगामी ओलंपिक के उदघाटन समारोह से एक साल पहले IOC सभी राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों को एक नोटिस भेजती है. इसके बाद सभी राष्ट्रीय समितियां अपने-अपने देशों से एथलीटों की चयन प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए एक लिस्ट तैयार करती हैं. बताते चलें कि राष्ट्रीय समितियों का अर्थ कोई विशेष देश नहीं होता. एथलीटों की लिस्ट तैयार होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ को भेजी जाती है. लिस्ट पहुंचने के बाद IOC ठीक तरीके से उसे रिव्यू करके तय करती है कि किस एथलीट का चयन होना चाहिए और किसका नहीं.
कई खेलों में चलता है कोटा सिस्टम
कुछ खेल ऐसे भी हैं जहां राष्ट्रीय समिति कोटा सिस्टम के तहत तय कर सकती है कि वह कौन से एथलीट को ओलंपिक में भेजना चाहती है. कोटा सिस्टम कुश्ती और शूटिंग में लंबे समय से चला आ रहा है. अक्सर सवाल उठते रहे हैं कि इस प्रक्रिया के कारण कई बार प्रतिभावान एथलीट भी ओलंपिक खेलों में जाने से वंचित रह जाते हैं. इसलिए कोटा सिस्टम में किसी एथलीट के हालिया प्रदर्शन को देखकर उनका चयन किया जाता है.
कई एथलीट और टीमों को करना होता है क्वालीफाई
आमतौर पर एथलेटिक्स में खेल के हिसाब से एक बिंदु तय कर दिया जाता है, जिसे पार करने वाले एथलीट ही ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर पेरिस ओलंपिक्स 2024 के लिए क्वालीफिकेशन मार्क 85.50 मीटर रखा गया था. इसे पार करने वाले एथलीट ही खेलों के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं. वहीं कुछ एथलीट वर्ल्ड रैंकिंग के आधार पर भी इन खेलों में प्रवेश पा लेते हैं. हॉकी और अन्य टीम स्पोर्ट में वर्ल्ड रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक क्वालीफिकेशन होता रहा है, वहीं कुछ टीमों को क्वालीफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
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