India Medals in Paris Olympics 2024: भारत ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 के लिए कुल 117 एथलीट भेजे थे, लेकिन अधिकांश एथलीट इस बार भी मेडल जीतने में नाकाम रहे हैं. 2020 टोक्यो ओलंपिक्स में भारत ने कुल 7 पदक जीते थे, लेकिन इस बार भारतीय दल शायद उस आंकड़े को भी ना छू पाए. अब तक भारत की झोली में सिर्फ 3 मेडल आए हैं. मगर इस बीच ऐसे कई सारे एथलीट हैं, जो एक स्थान या महज एक अंक के अंतर से पदक जीतने से वंचित रह गए. 4 नंबर को भारतीय दल के लिए पनौती कहना गलत नहीं होगा क्योंकि टोक्यो ओलंपिक खेलों में भी कई भारतीय एथलीटों को चौथे स्थान पर रहकर निराशा झेलनी पड़ी थी.


भारत के लिए पनौती नंबर-4


-लक्ष्य सेन चौथे स्थान का सबसे नया शिकार बने हैं. बैडमिंटन की पुरुष सिंगल्स स्पर्धा के ब्रॉन्ज मेडल मैच में उनका सामना मलेशिया के ज़ी जिया ली से हुआ. पहले गेम में 21-13 से जीत दर्ज करने के बाद लक्ष्य अगले दो गेम क्रमशः 16-21 और 11-21 से हार गए. लक्ष्य को पेरिस ओलंपिक्स 2024 में चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा है.  


-पेरिस ओलंपिक्स 2024 में अब तक 5 एथलीट/टीम चौथे स्थान पर रहकर पदक से चूके हैं. सबसे पहला नाम मनु भाकर का दिमाग में आता है, जिन्होंने भारत को 2024 ओलंपिक खेलों में 2 ब्रॉन्ज मेडल दिलाए हैं. मगर जब 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल की भारी आई तो मनु को चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा. तीसरे स्थान पर रहीं हंगरी की निशानेबाज के 31 अंकों की तुलना में मनु भाकर 28 अंक बटोर पाईं.


-अर्जुन बाबूता के हाथों से भी मेडल आते-आते रह गया. अर्जुन बाबूता ने 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में काफी बढ़िया प्रदर्शन किया. उन्होंने क्वालीफिकेशन में 630.1 के लाजवाब स्कोर के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था. मगर वो फाइनल में 208.4 का स्कोर हासिल कर पाए. फाइनल के 7वें राउंड में दो खराब शॉट उन्हें बहुत भारी पड़े.


-आर्चरी की मिक्स्ड टीम प्रतियोगिता में धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भगत की जोड़ी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही थी. सेमीफाइनल में उन्हें दुनिया की नंबर-1 टीम कोरिया के खिलाफ 6-2 से हार झेलनी पड़ी थी. वहीं ब्रॉन्ज मेडल मैच में धीरज और अकिता की ओर से बेहद शर्मनाक प्रदर्शन देखा गया, जहां उन्हें यूएसए के हाथों 6-2 से हार झेलनी पड़ी. इसी के साथ धीरज-अंकिता की यह जोड़ी चौथे स्थान पर रही.


-शूटिंग में भारत काफी मेडल ला सकता था, लेकिन करीबी अंतर से चौथे स्थान पर रहने का सिलसिला स्कीट शूटिंग में भी जारी रहा. ब्रॉन्ज मेडल मैच में इस भारतीय जोड़ी को चीन के खिलाफ 43-44 यानी महज 1 अंक के अंतर से हार झेलनी पड़ी.


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