Olympic Games: कुछ दिन पहले ही क्रिकेट, कुश्ती और बैडमिंटन समेत कई खेलों को राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर कर दिया गया है. ये कुछ ऐसे खेल हैं, जिनमें भारतीय एथलीट खूब सारे पदक जीतकर लाते रहे हैं. दूसरी ओर अब भारत सरकार की नई नीतियों के तहत ओलंपिक एथलीटों को मिलने वाली सहायता राशि पर रोक लगाई जा सकती है. यह फैसला टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) के तहत लिया जा सकता है. एक मीडिया रिपोर्ट अनुसार जिन एथलीटों को सरकार से मदद मिलेगी, उन्हें लेकर जल्द नए नियमों की घोषणा हो सकती है.
द इंडियन एक्स्प्रेस अनुसार मिशन ओलंपिक सेल (MOC) में इस विषय पर चर्चा चल रही है. इस समिति में पूर्व एथलीट, कोच और सरकारी अफसर भी शामिल हैं. मौजूदा समय में ऐसे 300 एथलीट हैं जिन्हें TOPS स्कीम के तहत आर्थिक मदद मिल रही है. एक MOC के अधिकारी ने संकेत दिए हैं कि अगर नई नीति लागू हो गई तो आर्थिक मदद मिलने वाले एथलीटों की संख्या आधी हो सकती है. इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन जब पेरिस ओलंपिक्स में भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन का आंकलन हुआ तब संख्या को आधी करने पर विचार जरूर किया गया था.
हाल ही में हुई मीटिंग में कोई एथलीट मेडल के कितने करीब पहुंच पाता है, इस आधार पर आर्थिक मदद का फैसला लिया जा सकता है. पेरिस ओलंपिक्स के समापन के बाद आर्थिक सहायता राशि में कटौती का मुद्दा खूब चर्चा में बना रहा है. इस बीच भारत के दिग्गज बैडमिंटन एथलीट प्रकाश पादुकोण ने बहुत बड़ा दावा करके बताया था कि ओलंपिक्स 2024 के दौरान एथलीटों के प्रति लाड़-प्यार दिखाया गया, जिसके कारण उनके अंदर मेडल जीतने की भूख कम हो गई थी. एक सुझाव यह भी सामने आया है कि TOPS स्कीम के तहत कुछ एथलीट जो फंड के लिए योग्य नहीं होंगे, उन्हें आर्थिक मदद तो मिलेगी लेकिन पर्सनल कोच और अन्य विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लेने की अनुमति नहीं मिलेगी.
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