Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक्स में भारत के तीरंदाज 25 जुलाई को एक्शन में दिखेंगे. इस बार देश के 6 तीरंदाज एथलीटों ने ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई किया है, जिनमें दीपिका कुमारी से लेकर अंकिता भगत और तरुणदीप राय भी शामिल हैं. इन सभी एथलीटों से एकल और डबल्स स्पर्धा में पदक जीतने की उम्मीद होगी, लेकिन इस खेल में भारत का इतिहास कतई अच्छा नहीं रहा है. हालात इतने खराब हैं कि भारतीय एथलीट अब तक के इतिहास में कभी तीरंदाजी में कोई पदक नहीं जीत पाए हैं.
तीरंदाजी को ओलंपिक खेलों में साल 1900 में शामिल किया गया था, लेकिन इस खेल में भारत के एथलीट पहली बार 1988 ओलंपिक्स में नजर आए थे. उसके बाद हर बार भारतीय तीरंदाज ओलंपिक्स में भाग लेते रहे हैं, लेकिन पदक जीतने का इंतज़ार है कि बढ़ता ही जा रहा है. अब 2024 में अभी खिलाड़ी नई उम्मीद और लगन के साथ एक बार फिर पदक जीतने की राह पर निकल पड़े हैं. तीरंदाजी प्रतियोगिता की शुरुआत 25 जुलाई को होगी और 4 अगस्त तक एकल और डबल्स, सभी प्रतिस्पर्धाएं समाप्त हो जाएंगी.
सेमीफाइनल में कभी नहीं पहुंचे
तीरंदाजी में भारत का इतिहास काफी खराब रहा है क्योंकि इस खेल में देश के एथलीट फाइनल खेलना तो दूर कभी सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंचे हैं. 2008 बीजिंग ओलंपिक्स और 2016 रियो ओलंपिक्स में भी महिला टीम ने क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई थी. वहीं 2020 टोक्यो ओलंपिक्स में पुरुष टीम, मिक्स्ड टीम और महिला एकल स्पर्धा में भारत के लिए दीपिका कुमारी क्वार्टरफाइनल में पहुंची थीं. इनके अलावा कभी भारत का कोई तीरंदाज ओलंपिक खेलों के क्वार्टरफाइनल में भी नहीं पहुंच सका है.
किससे है सबसे ज्यादा उम्मीद
महिलाओं की बात करें तो भारत के तीरंदाजी जत्थे में दीपिका कुमारी, अंकिता भगत और भजन कौर शामिल हैं. ये तीनों एथलीट एकल और डबल्स, दोनों प्रतिस्पर्धाओं में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. दूसरी ओर पुरुष खिलाड़ियों में तरुणदीप राय, धीरज बोम्मादेवारा और प्रवीण जाधव को जगह दी गई है. ये तीन एथलीट पुरुष एकल और डबल्स प्रतियोगिता में भी भाग लेंगे. इसके अलावा ये खिलाड़ी आपस में टीम बनाकर मिक्स्ड कम्पटीशन में भी भाग लेंगे.
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