India in Olympics: टोक्यो ओलंपिक में भारत की ओर से 126 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं. ओलंपिक में भारत की ओर से भेजा गया ये अब तक का सबसे बड़ा दल है. भारत इस बार 18 खेलों की 69 प्रतिस्पर्धाओं में भाग ले रहा है. 1896 में ग्रीस में आधुनिक ओलंपिक खेलों का आगाज हुआ था. हालांकि भारत को पहली बार साल 1900 के पेरिस ओलंपिक में एंट्री मिली थी. उस साल नार्मन पिचार्ड ने ब्रिटिश शासन वाले भारत के लिए इन खेलों में भाग लिया था. 

 

नार्मन पिचार्ड ने भारत के लिए इन ओलंपिक खेलों में दो मेडल जीते. उन्होंने पुरुषों की 200 मीटर तथा 200 मीटर बाधा दौड़ में उस साल सिल्वर मेडल जीता था. नॉर्मन पिचार्ड के अलावा पहलवान सुशील कुमार ही ऐसे अकेले खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक के व्यक्तिगत इवेंट में दो मेडल जीते हैं. ओलंपिक इतिहासकार पिचार्ड के प्रदर्शन को भारत के पदकों में शामिल नहीं करते. ब्रिटेन भी दावा कर चुका है कि पिचार्ड ने ओलंपिक में उनकी ओर से हिस्सा लिया था. हालांकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के रिकॉर्ड में पिचार्ड के पेरिस में जीते गए दोनों सिल्वर मेडल्स भारत के नाम पर ही दर्ज हैं.

 

पेरिस के बाद अगले तीन ओलंपिक में भारत ने नहीं लिया भाग 

 

पेरिस के बाद भारत अगले तीन ओलंपिक खेलों में हिस्सा नहीं ले सका. सर दोराबजी टाटा और बॉम्बे के गवर्नर जॉर्ज लॉयड के प्रयासों से भारत को आईओसी की सदस्यता मिली, जिसके बाद साल 1920 के एंटवर्प (बेल्जियम) ओलंपिक में भारत ने पहली बार आधिकारिक तौर पर अपनी टीम भेजी. इस साल भारत ने 6 खिलाड़ियों का दल भेजा था.

 

साल 1900 से 2016 तक भारत ने ओलंपिक में अब तक कुल 28 पदक अपने नाम किए हैं. इनमें नौ गोल्‍ड, सात सिल्‍वर और 12 कांस्‍य यानी ब्रॉन्‍ज मेडल शामिल हैं. अब अगर इसमें मीराबाई चानू का सिल्वर मेडल भी जोड़ दिया जाए तो भारत के अब तक जीते कुल पदकों की संख्या 29 हो गई है. 

 

हॉकी में जीते सबसे ज्यादा मेडल 

 

एक दौर था जब ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के दमखम के आगे पूरी दुनिया नतमस्तक होती थी. भारत ने लगातार 6 बार इन खेलों में हॉकी का गोल्ड मेडल जीता है. साल 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक में हॉकी टीम ने भारत को उसका पहला गोल्ड मेडल दिलाया. इसके बाद भारतीय हॉकी टीम ने लॉस एंजेलिस (1932), बर्लिन (1936), लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) के ओलंपिक खेलों में लगातार स्वर्ण पदक जीते. इस समय को भारतीय हॉकी का स्वर्णिम दौर भी कहा जाता है.

 

ओलंपिक खेलों में भारत ने हॉकी में 11 मेडल जीते हैं, जो सबसे ज्‍यादा है. हॉकी में भारत ने आठ गोल्‍ड, एक सिल्‍वर और दो ब्रॉन्‍ज मेडल अपने नाम किए हैं. 

 

हॉकी के अलावा जीता है केवल एक गोल्ड 

 

ओलंपिक में हॉकी के अलावा भारत ने  सिर्फ एक गोल्ड मेडल जीता है. साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक की निशानेबाजी स्पर्धा में अभिनव बिंद्रा ने भारत के लिए पहला और अब तक का एकमात्र व्यक्तिगत इवेंट का गोल्ड मेडल जीता था. 

 

हेलसिंकी ओलंपिक में जाधव ने जीता था आजाद भारत के लिए पहला पदक 

 

आजादी के बाद भारत के लिए पहला पदक 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक से आया था. पहलवान के जाधव ने कुश्ती के इवेंट में इस साल कांस्य पदक जीत इतिहास रच दिया था.  

 

पदकों की संख्या के हिसाब से साल 2012 के लंदन ओलंपिक अब तक भारत के लिए सबसे सफल रहे हैं. भारत ने इस साल दो सिल्वर मेडल और चार कांस्य पदक अपने नाम किए. भारत के लिए इस साल कुश्ती में सुशील कुमार और निशानेबाजी में विजय कुमार ने सिल्वर मेडल हासिल किए. इसके अलावा मुक्केबाजी में एमसी मैरीकॉम, बैडमिंटन में सायना नेहवाल, कुश्ती में योगेश्वर दत्त और निशानेबाजी में गगन नारंग ने कांस्य पदक जीते.

 

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