Jordan Chiles Stripped of Bronze Medal Ana Barbosu: पेरिस ओलंपिक खेलों में शुरू से लेकर अंत तक नए-नए विवाद सामने आते रहे. भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के डिसक्वालीफिकेशन का मामला अभी भी चल रहा है, जिसका फैसला 13 अगस्त को आना है. इस बीच अमेरिकी जिम्नास्ट जॉर्डन चाइल्स भी ओलंपिक खेलों के खराब नियमों का शिकार बनी हैं. दरअसल विनेश फोगाट की तरह यह मामला भी CAS के पास पहुंचा था, जिसने अपील में महज 4 सेकेंड की देरी के कारण जॉर्डन चाइल्स से मेडल छीन लिया था.


क्या है मामला?


महिला जिम्नास्टिक्स में फ्लोर एक्सरसाइज प्रतिस्पर्धा में पहले रोमानिया की एना बारबोसु को ब्रॉन्ज मेडल विजेता घोषित किया गया था. मगर अमेरिकी खेमे की तरफ से तुरंत अपील कर दी गई. वहां मौजूद अंपायरों ने जांच के बाद अमेरिकी एथलीट जॉर्डन चाइल्स का स्कोर 0.1 बढ़ा दिया था. यह उन्हें ब्रॉन्ज मेडल दिलाने के लिए काफी साबित हुआ. मगर रोमानिया की ओर से CAS में मामला दर्ज करवाया गया.


मामला CAS के पास पहुंचा, जहां सुनवाई काफी लंबी चली थी. अंत में न्यायालय ने फैसला सुनाया कि अमेरिकी खेमे की ओर से अपील 1 मिनट 4 सेकेंड बाद की गई थी. जबकि अंतर्राष्ट्रीय जिम्नास्टिक्स फेडरेशन के नियमों के मुताबिक किसी एथलीट और उसकी टीम को एक मिनट के अंदर अपील करनी होती है. अपील में महज 4 सेकेंड की देरी होने के कारण CAS ने जॉर्डन चाइल्स से मेडल छीन कर रोमानिया की एना बारबोसु को ब्रॉन्ज मेडल विजेता घोषित कर दिया था.


वीडियो सबूत होने का दावा


यूएस ओलंपिक एंड पैरालंपिक समिति (USOPC) ने अब दावा किया है कि उसके पास सबूत के तौर पर एक वीडियो है कि अमेरिकी कोच ने 1 मिनट से पहले अपील कर दी थी. स्टेटमेंट में दावा किया गया है कि अमेरिकी जिम्नास्टिक्स टीम की हेड कोच सेसिल लैंडी ने स्कोर पोस्ट होने के 47 सेकेंड बाद पहली अपील की थी. वहीं लैंडी ने ऑरिजिनल स्कोर पोस्ट होने के 55 सेकेंड बाद दूसरी अपील की थी. बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट अनुसार यूएस ओलंपिक समिति अब स्विट्जरलैंड ट्रिब्यूनल कोर्ट में यह मुद्दा उठा सकती है.


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