Kirti Azad On Indian Athletes Before Paris Olympics 2024: पेरिस में होने वाले ओलंपिक 2024 के दिन धीरे-धीरे बहेद करीब आ गए हैं. 2024 के ओलंपिक खेल 26 जुलाई से 11 अगस्त के बीच खेले जाएंगे, लेकिन उससे पहले पूर्व क्रिकेटर और सांसद कीर्ति आजाद ने भारतीय एथलीट्स के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि कैसे आज भी भारतीय एथलीट्स ट्रेन के जरनल डिब्बों में सफर करते हैं और उनका सामान टॉयलेट में रखा होता है. 


संसद में जमकर कीर्ति आजाद का गुस्सा फूटा. उन्होंने अपनी स्पीच में कहा, "मुझे भी याद है जब मैं छोटा था, उस वक़्त क्रिकेट में पैसा नहीं था तो हम लोग थर्ड क्लास ट्रेन की बोगी में जाया करते थे. टॉयलेट के सामने...सामान टॉयलेट में पड़ा हुआ होता था. क्रिकेट की तो नहीं, लेकिन हमारे एथलीट्स की आज भी परिस्थिति वही है. वह जनरल डिब्बों में जाते हैं और टॉलेट के सामने बैठते हैं और टॉयलेट में उनका सामान होता है. वह ऊबड़-खाबड़ मैदानों पर खेलते हैं. खाने के लिए ढंग से मिलता नहीं. डॉरमेट्री में रहते हैं और टॉयलेट के सामने खाना बनता है. यह टीवी पर अनेकों बार देखा गया है."


उन्होंने आगे कहा, "हम बात करते हैं कि हमारी तैयारी क्या है? अगर आपको ओलंपिक की तैयारी की बात करनी है, तो आपको 2028 (ओलंपिक) की तैयारी अभी करनी चाहिए, न कि जब आपकी टीम चली गई हो." इसके उन्होंने क्रिकेट के बारे में बात करते हुए कहा कि लोग हमको क्रिकेट के बारे में सिखाते हैं.


पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा, "बड़ी खुशी है कि हमारी कुश्तीबाज़ लड़कियां आई थीं तो प्रधानमंत्री ने उनका स्वागत किया था, सम्मान किया था, बहुत खुशी हुई थी जब वह उनके साथ खा रहे थे, लेकिन तब दुख हुआ था जब उन महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ था और उन्होंने मौन वृत धारण कर लिया था.


सासंद कीर्ति आजाद ने आगे नीरज चोपड़ा को लेकर कहा, "आज बात करते हैं कि हमने नीरज चोपड़ा को भेजा. मैं यह जानना चाहता हूं कि जब तक नीरज चोपड़ा ने भाला फेंकने में स्वर्ण पदक नहीं जीता था, तब तक उसके लिए सरकार ने क्या किया था?" इसी तरह शूटर अभिनव बिंद्रा के बारे में उन्होंने कहा, "अभिनव बिंद्रा, जिसने पहला स्वर्ण पदक जीता शूटिंग के अंदर, उससे पहले सरकार या उसके एसोसिएशन फेडरेशन ने क्या किया था?"


इसी तरह उन्होंने कई खिलाड़ियों के बारे में बात की. उन्होंने कहा स्टार खिलाड़ियों के स्टार बनने से पहले सरकार क्या-क्या करती है. सरकार को यह जवाब देना चाहिए. फिर इसके आगे उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण पर निशाना साधते हुए कहा कि वहां हैं कोच? खेलो इंडिया में प्रतिभा की तलाश कौन करेगा, उसकी कोई व्यवस्था है क्या? फिर आगे उन्होंने बताया कि करीब 70 फीसद कोच के स्थान खाली पड़े हुए हैं. 


 


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