Inspiring Story Of Atheletes Paris Olympics 2024: फ्रांस की राजधानी पेरिस एथलीटों से सजा है. पेरिस दुनिया के सबसे बड़े मेगा इवेंट की मेजबानी कर रहा है. बहरहाल, तकरीबन 100 साल ओलंपिक की मेजबानी कर रहा पेरिस कई वजहों से सुर्खियां बटोर रहा है. यह इतिहास का पहला ओलंपिक है, जिसने खेल मैदान पर लैंगिक समानता हासिल किया है. इस मेगा इवेंट में महिलाओं की संख्या पुरूषों के बराबर है. इसके अलावा कई एथलीटों का सफर दिल छू लेने वाल है. इन एथलीटों ने अपने जोश और जज्बे से नया मुकाम हासिल किया है.


मिस्र की तलवारबाज नादा हफेज के अलावा भारतीय शूटर मनु भाकर, चीन के टेबल टेनिस खिलाड़ी झीइंग जेंग, महज 11 साल के स्केटबोर्डर झेंग हाओहाओ और 65 साल के स्पेनिश घुड़सवार जुआन एंटोनियो जिमेनेज पेरिस ओलंपिक में हिस्सा ले रहे कुछ एथलीटों के ऐसे नाम हैं, जिन्होंने अपने सफर से सबका दिल जीता है. मिस्र की तलवारबाज नादा हफेज 7 महीने की गर्भवती हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने विरोधी को चारों खाने चित किया. इसके अलावा मनु भाकर ने दमदार वापसी से प्रभावित किया. दरअसल, टोक्यो ओलंपिक 2020 में मनु भाकर को खाली हाथ लौटना पड़ा था, लेकिन इस बार अब तक मनु भाकर 2 मेडल जीत चुकी हैं.


इसके अलावा युसरा मर्दिनी सीरियाई शरणार्थी हैं, जिसे महज 16 साल की उम्र में देश छोड़ना पड़ा था, लेकिन हिम्मत नहीं हारी. युसरा मर्दिनी की कहानी नेटफिलिक्स और डिस्कवरी चैनल पर दिखाई जा चुकी है. वहीं, चीन की टेबल टेनिस खिलाड़ी झीइंग जेंग चिली ने 58 साल की उम्र में डेब्यू किया. हालांकि, इस खिलाड़ी का चयन नेशनल टीम में महज 16 साल की उम्र में हो गया था, लेकिन ओलंपिक खेलने का सपना पूरा नहीं हुआ था. इन नामों के अलावा कई अन्य एथलीट हैं, जिन्होंने अपने जोश और जज्बे से हैरान किया है.


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