Olympic Medalist Manu Bhaker Wanted To Quit Sports: मनु भाकर पेरिस ओलंपिक 2024 में कई रिकॉर्ड बनाने में सफल रहीं. वह ओलंपिक के शूटिंग इवेंट में भारत के लिए पदक जीतने वाली पहली भारतीय निशानेबाज बनीं. इसके अलावा वह देश की आजादी के बाद से एक ओलंपिक एडिशन में एक से अधिक पदक जीतने वाली पहली एथलीट भी बनीं. इससे पहले यह उपलब्धि पेरिस ओलंपिक 1900 में नॉर्मन प्रिचर्ड (Norman Pritchard) ने हासिल की थी, जो ब्रिटिश-भारतीय एथलीट थे.


हताश-निराश होकर स्पोर्ट्स छोड़ना चाहती थीं मनु भाकर
अब मनु भाकर पूरे देश के लिए एक गौरव बन गई हैं. सफलता की कहानी उनके लिए आसान नहीं रही. टोक्यो ओलंपिक 2020 में खराब प्रदर्शन के बाद मनु भाकर ने खेल छोड़ने तक की सोच ली थी. उनके पिता ने बताया कि मनु बहुत निराश थीं और उन्होंने अपना करियर बदलने की भी सोची थी. एक समय तो उन्हें लग रहा था कि शूटिंग छोड़कर विदेश में पढ़ाई करें या फिर सेना में भर्ती हो जाएं.


लेकिन उनके कोच जसपाल राणा की बातों ने उन्हें वापस लौटाया. मनु भाकर ने बताया कि राणा की बातों ने उन पर बहुत असर डाला. एक बातचीत में जसपाल राणा ने उनसे उनके भविष्य के बारे में पूछा. मनु ने अपनी अनिश्चितता और खेल छोड़ने की बात बताई. इस पर राणा ने कहा- "तुम न सिर्फ देश में बल्कि दुनिया की बेहतरीन शूटरों में से हो. यह तुम्हारे ऊपर है कि तुम अपने जीवन के साथ क्या करना चाहती हो." इस बात ने मनु में नई जान फूंकी और उन्होंने खेल पर पूरा ध्यान देना शुरू कर दिया. फिर तो पेरिस ओलंपिक 2024 उनके जीवन का एक मील का पत्थर बन गया.


मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में रचा इतिहास
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय शूटिंग टीम सबसे बड़ी भारतीय ओलंपिक टीम है. शुरू से ही देश की उम्मीदें मनु भाकर पर टिकी थीं. मनु ने भी देश की उम्मीदों को टूटने नहीं दिया. वह 1947 में आजादी के बाद से एक ही ओलंपिक खेलों में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गई हैं. उन्होंने व्यक्तिगत 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में कांस्य पदक जीता. इसके बाद मनु भाकर ने सरबजोत सिंह के साथ मिलकर मिक्स्ड टीम 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में एक और कांस्य पदक जीता.


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