Paralympic Games:  एक साधारण परिवार में मुश्किलों के बीच पले बड़े पैरालंपिक सिल्वर मेडल विजेता निषाद आज राज्यपाल व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मिले हैं. निषाद का पैरालंपिक तक का सफ़र मुश्किलों भरा रहा है. बचपन में मां जब पशुओं के लिए घास काट रही तो निषाद का हाथ उसमें चला गया और कट गया.


यहीं से निषाद की ज़िंदगी बदल गई व ऊंचे कूद का सफ़र शुरू हुआ क्योंकि निषाद की मां भी स्पोर्ट्स में रही थी इसलिए बेटे को प्रोत्साहित किया. मुश्किल ये थी को निषाद को प्रशिक्षण के लिए कहां भेजा जाए तो मां बाप ने 2500 रुपया देकर हरियाणा भेजा.


निषाद ने केंद्र का सहयोग के लिए धन्यवाद किया


बताया जा रहा है कि, यहीं से निषाद की ज़िंदगी बदल गई. निषाद का कहना है कि उनके घर पर न टीवी था न मोबाइल,  2017 में जब उन्हें मोबाइल मिला तो उनको पैरालंपिक के बारे में पता चला. निषाद ने हिमाचल सरकार के साथ केंद्र का सहयोग के लिए धन्यवाद किया और कहा कि रजत के बाद वह ओर अधिक मेहनत करेंगे और अगली बार गोल्ड मेडल के लिए तैयारी करेंगे.


हाई जंप में सिल्वर मेडल जीता


उधर निषाद कुमार की मां पुष्पा का कहना है कि उनके बेटे ने उनके साथ देश व प्रदेश का नाम ऊंचा किया है. सरकार ने भी इसमें उनकी मदद की है. सरकार उनके बेटे को अब सरकारी नोकरी प्रदान करे ताकि खेलों को ओर अधिक बढ़ावा मिल सके. आपको बता दें, टोक्यो में खेले जा रहे पैरालिंपिक खेलों में भारत के निषाद कुमार ने इतिहास रच दिया है. निषाद कुमार ने टोक्यो पैरालिंपिक 2020 में शानदार प्रदर्शन करते हुए देश को एक और मेडल दिलाया है. उन्होंने हाई जंप में सिल्वर मेडल जीता.


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