Olympics Gold Medal Facts: खेल के दीवाने पेरिस में होने वाले ओलंपिक 2024 का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. खेलों के इस महाकुंभ की शुरुआत 26 जुलाई से होगी. भारत ने इससे पहले 2020 में हुए टोक्यो ओलंपिक में एक गोल्ड मेडल जीता था, जो स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा के हिस्से में आया था. अब इस बार भारत खाते में ज़्यादा गोल्ड मेडल आने की उम्मीद है. गोल्ड मेडल किसी भी खिलाड़ी और देश के लिए बहुत मायने रखता है. तो क्या खिलाड़ियों को दिया जाने वाला मेडल पूरी तरह से सोने का बना होता है? आइए जानते हैं कि क्या है गोल्ड मेडल की असली सच्चाई.
सबसे पहले तो आपको बता दें कि गोल्ड मेडल पूरी तरह से गोल्ड का नहीं बना होता है. हालांकि मेडल में गोल्ड की मात्रा होती है. मेडल सिल्वर का होता है, जिस पर सोने की पॉलिश होती है. ओलंपिक में आखिरी बार 1912 में हुए स्टॉकहोम गेम्स में ही असली सोने के मेडल दिए गए थे. इसके बाद से सिर्फ सोने की पॉलिश वाले मेडल ही दिए जाते हैं. हालांकि एक खिलाड़ी के लिए मेडल की कीमत अनमोल होती है क्योंकि वह इसे पाने के लिए जी-जान लगाकर दिन रात एक कर देता है.
इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी ने मेडल्स के लिए बनाए नियम
इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी ने सभी मेडल्स के लिए नियम बनाए हुए हैं. कमेटी के नियमों के मुताबिक गोल्ड मेडल में कम से कम 6 ग्राम सोना होना चाहिए. मेडल का बाकी हिस्सा चांदी का होता है. इसके अलावा मेडल का व्यास कम से कम 60 मिमी और मोटाई 3 मिमी होनी चाहिए. गोल्ड मेडल का वजन करीब आधा किलो होता है.
गोल्ड के अलाव सिल्वर मेडल पूरी तरह से सिल्वर का बना हुआ होता है. इस मेडल का वजन भी करीब आधा किलो होता है. वहीं बॉन्ज मेडल बाकी दोनों मेडल के मुकाबले कुछ हल्का होता है. इस मेडल को मुख्यत: कॉपर से बनाया जाता है जिसमें थोड़ा जिंक भी शामिल होता है. इस मेडल का वजन आधा किलो से करीब 50 ग्राम कम होता है.
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