Neeraj Chopra and Arshad Nadeem Javelin Manufacturing: पेरिस ओलंपिक 2024 के जैवलिन थ्रो में एशियाई एथलीटों का दबदबा रहा. इस इवेंट के फाइनल मुकाबले में पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम 92.97 मीटर दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे, जबकि भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा 89.45 मीटर दूर भाला फेंककर रजत पदक जीतने में सफल रहे. जैवलिन थ्रो का इतिहास काफी पुराना है. ऐसे में यहां जानिए खेलों का भाला कैसे बनता है और इसे कैसे इतना दूर फेंका जाता है.


जैवलिन थ्रो का इतिहास
भाला फेंकने का इतिहास 708 ईसा पूर्व से शुरू होता है जब इसे प्राचीन ओलंपिक खेलों में शामिल किया गया था. उस समय भालों का इस्तेमाल शिकार और युद्ध में किया जाता था. भले ही आज भालों का इस्तेमाल युद्ध में नहीं किया जाता, लेकिन यह खेल आज भी दुनिया भर में बहुत लोकप्रिय है.


कैसे बनता है खेले जाने वाला जैवलिन
आधुनिक भाले लकड़ी और मेटल से बने होते हैं, जिनका वजन 400 ग्राम से 800 ग्राम तक होता है. पुरुषों के लिए भाले की लंबाई 2.6 से 2.7 मीटर होती है, जबकि महिलाओं के लिए यह 2.2 से 2.3 मीटर होती है. भाले के तीन मुख्य भाग होते हैं- टिप, शाफ्ट और कॉर्ड ग्रिप.



  • टिप: भाले का सबसे नुकीला हिस्सा मेटल से बना होता है. फेंकते समय, टिप की जमीन पर गिरने वाली जगह को अंतिम दूरी के रूप में मापा जाता है.

  • शाफ्ट: भाले का बीच का भाग, जिसे शाफ्ट कहा जाता है. यह लकड़ी या मेटल से बना होता है. इसकी सतह चिकनी होती है और यह ठोस या खोखला हो सकता है.

  • कॉर्ड ग्रिप: यह शाफ्ट के बीच में होता है और इसे पकड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. एथलीट भाला सही तरीके से फेंकने के लिए अलग-अलग ग्रिप तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि अमेरिकी ग्रिप, फिनिश ग्रिप और वी-ग्रिप.


भाले के प्रकार भी भिन्न होते हैं



  • हेडविंड भाला: यह मजबूत और नुकीला होता है, जिससे यह तेज हवा को काट सकता है. यह उन एथलीट्स के लिए उपयुक्त है जिनके पास तकनीक की कमी है, लेकिन ताकत अधिक है.

  • टेलविंड भाला: इसका सिरा मोटा और कुंद होता है, जो हवा के खिलाफ अधिक सतह क्षेत्र बनाता है. यह तकनीकी रूप से सक्षम एथलीट्स के लिए आदर्श होता है.


भाला फेंकने की तकनीक
भाला फेंकने की तकनीक तीन मुख्य चरणों में विभाजित होती है- रन-अप, ट्रांजिशन और डिलीवरी.



  • रन-अप: एथलीट भाले को कंधे के ऊपर रखकर दौड़ते हैं और फेंकने की दिशा में टिप को रखते हैं.

  • क्रॉसओवर स्टेप्स और ट्रांजिशन: अंतिम 10 से 15 कदम सीधा होते हैं, इसके बाद एथलीट शरीर को मोड़ते हुए भाला फेंकने के लिए तैयार होते हैं.

  • डिलीवरी: अंतिम स्टेप में भाला फेंकने की प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमें शरीर झुकता है और हाथ भाले को जोर से फेंकता है.


यह भी पढ़ें:
Paris Olympics 2024 Neeraj Chopra: नीरज चोपड़ा के भाले का कितना होता है वजन? जानें कीमत और खासियत सबकुछ