Swapnil Kusale Final Shooting Paris Olympics 2024: स्वप्निल कुसाले ओलंपिक्स की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय शूटर बन गए हैं. इस 28 वर्षीय निशानेबाज की जीवन गाथा काफी हद तक दिग्गज भारतीय क्रिकेटर एमएस धोनी (MS Dhoni) से मेल खाती है. स्वप्निल, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित कंबलवाडी गांव से आते हैं और वे साल 2012 से ही अंतर्राष्ट्रीय इवेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. अब 12 साल के लंबे इंतज़ार के बाद उन्होंने अपना ओलंपिक डेब्यू किया है.
स्वप्निल कुसाले साल 2015 से सेंट्रल रेलवे में काम कर रहे हैं. जैसे एमएस धोनी अपने जीवन में टिकट कलेक्टर हुआ करते थे, वैसे ही स्वप्निल भी सेंट्रल रेलवे में टिकट कलेक्टर का काम करते हैं. भारत का यह प्रतिभावान निशानेबाज महेंद्र सिंह धोनी के व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित है. स्वप्निल कहते हैं कि उन्होंने एमएस धोनी की बायोपिक फिल्म को कई बार देखा है और दिग्गज क्रिकेटर की उपलब्धियों से प्रेरणा लेते हैं. धोनी क्रिकेट फील्ड पर अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं, वहीं शूटिंग में भी शांत और धैर्यपूर्ण स्वभाव की बहुत जरूरत होती है. इसलिए स्वप्निल खुद के जीवन को धोनी से जोड़ पाते हैं.
एमएस धोनी को मानते हैं आदर्श
स्वप्निल ने एमएस धोनी को अपना आदर्श मानते हुए कहा, "मैं शूटिंग जगत में किसी विशेष एथलीट को फॉलो नहीं करता. मैं शूटिंग से बाहरी दुनिया में धोनी के व्यक्तित्व का प्रशंसक हूं. जैसे धोनी क्रिकेट फील्ड पर शांत रहते हैं, वैसे ही मेरे खेल में भी शांत और धैर्यपूर्ण स्वभाव की जरूरत होती है. मैं खुद को उनकी कहानी से जोड़ पाता हूं क्योंकि मैं भी उनकी तरह टिकट कलेक्टर के रूप में काम करता हूं."
स्वप्निल का परिवार
हमने आपको बताया कि स्वप्निल ने अपने अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग करियर की शुरुआत 2012 में की थी. वे कंबलवाडी गांव से आते हैं, उनके पिता और भाई दोनों शिक्षक हैं और उनकी मां कंबलवाडी गांव की सरपंच हैं. युवावस्था में उन्हें 2 खेलों में से एक का चयन करना था, लेकिन उन्होंने शूटिंग में आगे बढ़ने का फैसला लिया. मगर जूनियर लेवल पर उनके पास गोलियां खरीदने के पैसे नहीं हुआ करते थे. बता दें कि स्वप्निल 2022 एशियाई खेलों की 50 मीटर राइफल 4 पोजीशन प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता रहे थे.
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