PR Sreejesh Retirement: भारतीय हॉकी टीम के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने अच्छी यादों के साथ इस खेल को अलविदा कह दिया है. पेरिस ओलंपिक्स 2024 में स्पेन के खिलाफ खेला गया ब्रॉन्ज मेडल मुकाबला श्रीजेश के करियर का आखिरी मैच रहा. टीम इंडिया ने स्पेन को 2-1 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया है. याद दिला दें कि श्रीजेश ने ओलंपिक्स के शुरू होने से पहले ही बता दिया था कि वे इस टूर्नामेंट के बाद रिटायर हो जाएंगे.
पीआर श्रीजेश की उपलब्धियां
श्रीजेश ने साल 2006 के दक्षिण एशियाई खेलों के समय भारत की सीनियर हॉकी टीम के लिए डेब्यू किया था. वहीं साल 2011 से वो गोलकीपर के तौर पर लगातार टीम इंडिया के साथ जुड़े रहे हैं. उनकी उपलब्धियों की बात करें तो श्रीजेश ने 2014 और 2022 के एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. उनके नाम 2016 और 2018 हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी का सिल्वर मेडल भी है.
इसके अलावा वो टीम इंडिया के साथ 2 बार राष्ट्रमंडल खेलों में भी मेडल विजेता बने हैं. मगर उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि यही रहेगी कि उन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक्स और 2024 पेरिस ओलंपिक्स में भी भारत को मेडल दिलाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है. लगातार 2 ओलंपिक मेडल जीतकर रिटायर होना श्रीजेश की महानता को प्रबल बनाता है.
'द ग्रेट वॉल'
पीआर श्रीजेश हॉकी जगत में दुनिया के सबसे बेहतरीन गोलकीपरों में से एक रहे हैं. पेरिस ओलंपिक्स 2024 की ही बात कर लें तो उन्होंने कई अहम मौकों पर विपक्षी टीम को गोल करने से रोका है. वहीं स्पेन के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल मैच में स्पेन को आखिरी 2 मिनट के भीतर दो पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन श्रीजेश चट्टान की तरह अपनी जगह डटे रहे. उन्होंने दोनों में से एक भी मौके पर स्पेन को गोल नहीं करने दिया. एक बेहतरीन गोलकीपर होने के चलते उन्हें हॉकी में 'द ग्रेट वॉल' के नाम से भी पहचाना जाता है.
ब्रॉन्ज मेडल श्रीजेश को समर्पित
मैच के बाद श्रीजेश ने गोल पोस्ट के ऊपर बैठकर अपने ऐतिहासिक और शानदार करियर की खुशी मनाई. वहीं कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने उन्हें अपने कंधों पर बैठाकर मैदान में भी घुमाया और उनके प्रति सम्मान प्रकट किया. इस बीच मुकाबला समाप्त होने के बाद इंटरव्यू में मनप्रीत सिंह ने बताया कि भारत की यह ब्रॉन्ज मेडल जीत पीआर श्रीजेश को समर्पित है, जिन्होंने बहुत लंबे समय तक भारतीय हॉकी टीम को अपनी सेवाएं दी हैं.
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